प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)
UP News: छात्रवृत्ति घोटाले मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है. शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए बताया कि, उत्तर प्रदेश के कुछ शैक्षणिक संस्थानों द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर, अल्पसंख्यक वर्ग और दिव्यांग छात्रों के लिए 75 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति निधि के कथित गबन से जुड़े मामले में 2.84 करोड़ रुपये के प्लॉट, एक फ्लैट और बैंक जमा को कुर्क कर लिया गया है. इसी के साथ ये भी बताया कि, धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत कुर्की का अस्थायी आदेश जारी कर दिया गया है.
ईडी ने बयान जारी करते हुए बताया कि, हाइजिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट और एसएस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स के प्रबंधकों और न्यासियों ने अपने संस्थानों में सिर्फ कागजों पर फर्जी तरीके से छात्रों के दाखिले और उनके नाम दर्ज किए गए और फिर सरकारी पोर्टल पर उनके नाम पर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया गया. ईडी ने ये भी आरोप लगाया है कि, छात्रवृत्ति मिलने के बाद इन संस्थानों ने इसे कॉलेजों के खातों में ट्रांसफर कर दिया और बाद में गलत तरीके से पैसे को बैंक से निकाल लिया गया अथवा व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर कर दिया गया. इस तरह से ये संस्थान करोड़ों रुपये के सरकारी धन का गबन करने में लिप्त पाए गए.
प्रवर्तन निदेशालय ने कुर्क की इनकी संपत्ति
ईडी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, सैयद इशरत हुसैन जाफरी के नाम पर पंजीकृत 76,83,000 रुपये मूल्य के सात प्लॉट, तो वहीं उनकी पत्नी रचना जाफरी के नाम पर पंजीकृत 52,00,000 रुपये कीमत का एक फ्लैट है. इसी के साथ ही प्रवीण सिंह चौहान के नाम पर पंजीकृत 76,55,000 करोड़ रुपये की कीमत के दो प्लॉट तो वहीं उनकी पत्नी हेमा सिंह के नाम पर पंजीकृत 240,00,000 रुपये मूल्य का एक प्लॉट भी कुर्क के आदेश में शामिल किया गया है. साथ ही एजेंसी ने रवि प्रकाश गुप्ता द्वारा खरीदे गए राम एंड श्याम एजुकेशनल सोसाइटी के नाम पर पंजीकृत 35,50,000 रुपये मूल्य का एक प्लॉट और विक्रम नाग के बैंक खाते में जमा 19,69,000 रुपये को भी कुर्क करने का आदेश दिया गया है.
धन शोधन का मामला दर्ज किया गया
कुर्क की जाने वाली सम्पत्तियों को लेकर ईडी ने एक बयान दिया है और बताया है कि, कुर्क की गई इन संपत्तियों की कुल कीमत 2.84 करोड़ रुपये है. मालूम हो कि, इससे पहले एजेंसी ने इसी मामले में 3.24 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी और चार लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा आरोप पत्र भी दाखिल किया गया था. पूरी जानकारी देने के साथ ही ईडी ने एक बयान जारी करते हुए ये भी कहा है कि, उत्तर प्रदेश पुलिस की एक प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन का मामला दर्ज किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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