बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़
सिक्किम की ल्होनक झील में बादल फटने से करीब 65 फीसदी हिस्सा बर्बाद हो गया. झील का पानी ओवरफ्लो होकर तीस्ता नदी में बहने लगा, जिसके चलते अचानक बाढ़ आ गई थी जिसमें सेना के 23 जवान लापता हो गए थे. अब तक इस घटना में 14 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग लापता हो गए हैं. उनकी तलाशी के लिए अभियान चलाया जा रहा है. 26 लोग इस हादसे में घायल भी हुए हैं. जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है.
ISRO ने जारी की तस्वीर
अब इसरो ने बादल फटने की घटना के बाद और पहले की ल्होनक झील की तस्वीर जारी की है. जिसे देखने पर साफ दिखाई दे रहा है कि बादल फटने से झील का पानी किस तरह से खत्म हो गया है और कुछ हिस्सा सूखा रह गया. ISRO की तरफ से टेंपोरल सैटेलाइट तस्वीरों को जारी किया गया है. 17 सिंतबर और 28 सितंबर की ली गई तस्वीरें और उसके बाद 4 अक्टूबर को सुबह 6 बजे ली गई तस्वीरों को देखने से पता चलता है कि झील की साइज आधे से भी कम बचा है.
14 लोगों की मौत, 102 लापता
अचानक आई बाढ़ की वजह से 14 लोगों की मौत हुई है. तीन लोगों का शव सैकड़ों किलोमीटर दूर उत्तरी बंगाल में जाकर बरामद हुआ है. अन्य पांच लोगों के शव सिक्किम के गोलिटार और सिंगटाम इलाके में मिले. सिक्किम में आई इस त्रासदी में सेना के 23 जवान भी गायब हो गए हैं. भारतीय सेना और स्थानीय अधिकारियों ने जवानों को ढूंढने के लिए संयुक्त बचाव अभियान चलाया हुआ है.
सेना के 40 वाहन डूबे
गुवाहाटी में डिफेंस पीआरओ ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तरी सिक्किम ल्होनक झील पर अचानक बाढ़ आ गई. जिसमें 23 जवान लापता हो गए. तलाशी अभियान चलाया गया है. इसके अलावा बादल फटने से आए मलबे में सेना के 40 से ज्यादा वाहन कीचड़ में डूब गए हैं. जिन्हें निकालने की कोशिश की जा रही है.
हिमाचल और उत्तराखंड में मची थी भीषण तबाही
बता दें कि इससे पहले हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी बारिश और बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई थी. जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा तमाम घर बाढ़ में डूब गए थे. बाढ़ की आपदा से पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ था.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.