अभियान के दौरान पार्टी प्रमुख संजय निषाद (फोटो सोशल मीडिया)
Lok Sabha Election-2024: बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद जहां एक ओर लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल प्रदेश में भी जातीय आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं तो वहीं सत्तारूढ़ दल के सहयोगी दल निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद ने बिहार की जातीय जनगणना को धोखा बताना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि वह भी जातीय जनगणना के पक्ष में हैं. उन्होंने अपने लोगों को आरक्षण को लेकर भरोसा दिलाया है. वहीं भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन भी विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के जातीय जनगणना वाले पासे को फेल करने के लिए अपनी अलग रणनीति के साथ जुट गया है. इसी का हिस्सा माना जा रहा है निषाद पार्टी का ये महाजनसंपर्क अभियान, जिसे एनडीए में शामिल निषाद पार्टी ने रविवार को शुरू किया है. इस यात्रा का मकसद आरक्षण की पुरानी मांग के जरिए मछुआरा समाज को एकजुट करना बताया जा रहा है.
आरक्षण पर गुमराह करने वालों को करेगी बेनकाब
महाजनसंपर्क अभियान को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री डॉक्टर संजय कुमार निषाद ने मीडिया को बताया कि निषाद पार्टी लोगों के बीच जाएगी और मछुआरा आरक्षण पर गुमराह करने वालों को बेनकाब करेगी. उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि मछुआरा समाज को हमेशा धोखा दिया गया. मछुआरा समाज के लिए आरक्षण की मांग पर अमल नहीं किया गया. भाजपा की प्रशंसा के पुल बांधते हुए संजय निषाद ने कहा कि मछुआरा समाज के लिए आरक्षण का मामला सामाजिक न्याय मंत्रालय में लंबित है. मछुआरा समाज अनुसूचित जाति का हकदार है. बता दें कि पार्टी प्रमुख संजय कुमार निषाद के साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता बैनर पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे और अभियान की शुरुआत की.
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आरक्षण के प्रति करेंगे जागरूक
बता दें कि महाजनसंपर्क अभियान को शुरू करते हुए संजय निषाद ने कहा कि मछुआरा समाज को आरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए ये अभियान चलाया गया है, ताकि उनको आरक्षण के नाम पर कोई गुमराह न कर ले. इसी के साथ उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने मछुआरा समाज को गुमराह किया है. मछुआरा समाज को अनुसूचित जाति से हटाकर पिछड़ा में शामिल कर दिया, लेकिन भाजपा सरकार हमारे समाज को पूरा हक देगी. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव से पहले मछुआरों के नाम पर राजनीति की गई. सभी राजनीतिक दलों ने मछुआरा आरक्षण की मांग को एजेंडा बनाया, लेकिन हक किसी ने भी नहीं दिया. बता दें कि अभियान के दौरान हाथों में पोस्टर लेकर निकले कार्यकर्ता नारेबाजी कर रहे थे तो वहीं पोस्टर में साफ लिखा था कि मछुआरों को पिछड़ी जाति में डालने वाले धोखेबाज हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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