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क्या सपा को हराने का ठेका लेती हैं BSP प्रमुख मायावती? अखिलेश की पार्टी का गंभीर आरोप

बीजेपी से मिली है बीएसपी-सपा

समाजवादी पार्टी ने यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की पार्टी बीएसपी पर गंभीर आरोप मड़ दिए हैं. अखिलेश यादव की पार्टी ने चुनाव के दौरान मायावती पर बीजेपी के साथ साठ-गांठ करके सपा को हराने का गंभीर आरोप लगाया है.

उत्तर-प्रदेश 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की भारी जीत और उसके बाद एक बार फिर 2022 में योगी 2.0 सरकार आने के बाद अखिलेश यादव को दुबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इन 6 सालों में अखिलेश ने किसी तरह से प्रदेश की सत्ता में वापस लौटने के लिए काफी जतन किए हैं.

उन्होंने राष्ट्रीय पार्टियों  कांग्रेस, बसपा, के अलावा क्षेत्रीय दल सुभासपा और आरजेडी जैसे राजनीतिक दलों के साथ गठजोड़ किया, लेकिन यह सब दांव पर अभी तक उनपर केंद्र में मोदी और प्रदेश में योगी भारी पड़ते नजर आएं है.

सपा ने अब एक नया दांव खेला है. दिवगंत मुलायम सिंह यादव के बाद अब प्रदेश में अपने किले को बचाने का पूरा दारोमदार अखिलेश यादव पर है. ऐसे में उन्होंने इस ओर कदम बढ़ाना शुरु कर दिया है. सपा, बीएसपी के वोट बैंक दलितों, पिछड़ों और कुछ हद तक मुसलमानों के वोट बैंक में सेंध मारने की जुगत में लग गई है.

बीएसपी पर बीजेपी से मिलीगत का आरोप लगाते हुए सपा ने ट्विट कर कहा कि, ‘बसपा अपना वोट बीजेपी में साइलेंटली ट्रांसफर करवाती है , दलितों ,पिछड़ों और मुसलमानों के साथ बसपा की ये धोखेबाजी है , बसपा प्रमुख मायावती जी केंद्र शासित भाजपा सरकार के दबाव में हैं और बहुजन समाज पार्टी हर चुनाव में सपा को हराने का ठेका लेती है , 2014 से लेकर 2022 तक यही हुआ है’.

सपा को हराने का ठेका लेती हैं BSP प्रमुख मायावती?

कभी उत्तर-प्रदेश की राजनीति में केंद्र में रहने वाली बसपा पर अब बड़े और गंभीर सवाल उठने लगे हैं. यूपी में मायावती की लगातार कम होती साख पर सपा अब तीखे सवाल करने लगी है. समाजवादी पार्टी से कभी गठबंधन करके बुआ और बबुआ ने यूपी से बीजेपी का सफाया करके अपनी गठबंधन की सरकार का सपना देखा था. लेकिन नतीजे आने के बाद दोनों ने अपनी-अपनी राह फिर से पकड़ ली. अब सपा ने मायावती पर सीधे-सीधे बीजेपी से अंदर खाने में मिलीभगत का आरोप लगा दिया है.

 

-भारत एक्सप्रेस



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