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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे को ED का समन, इस मामले में फंस सकते हैं वैभव!

ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक रतन कांत शर्मा हैं, जो कार रेंटल सर्विस में अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर हैं.

अशोक गहलोत और वैभव गहलोत

अशोक गहलोत और वैभव गहलोत

ED ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को तलब किया है. प्रवर्तन निदेशालय ने गौरव को कल पूछताछ के लिए बुलाया है. बता दें कि पिछले दो तीन महीने से केंद्रीय एजेंसी ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक मुंबई स्थित फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. इसी क्रम में ईडी ने जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली थी. अब ईडी ने अशोक गहलोत के बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया है.

ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक रतन कांत शर्मा हैं, जो कार रेंटल सर्विस में अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर हैं. बता दें कि कुछ ही दिनों बाद राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं.

अशोक गहलोत ने भाजपा पर साधा निशाना

इस बीच वैभव के पिता और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर ईडी पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “दिनांक 25 अक्टूबर को राजस्थान की महिलाओं के लिए कांग्रेस की गारंटियां लॉन्च हुई और 26 अक्टूबर को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह जी डोटासरा के यहां ED की रेड. मेरे बेटे वैभव गहलोत को समन.अब आप समझ सकते हैं, जो मैं कहता आ रहा हूं कि राजस्थान के अंदर ED की रेड रोज़ इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके.

वैभव गहलोत के खिलाफ क्या है मामला?

यह मामला केंद्रीय एजेंसी के रडार पर तब आया था जब जयपुर के दो व्यक्तियों ने 2015 में एक शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में कहा गया था कि वैभव गहलोत ने मॉरीशस स्थित कंपनी शिवनार होल्डिंग्स से अवैध धन का लेन-देन किया था. शिवनार होल्डिंग्स के ऊपर शेल कंपनी होने का संदेह था.

इस शिकायत के अनुसार, 2011 में 2,500 शेयर खरीदकर शिवनार होल्डिंग्स से ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को फंड डायवर्ट किया गया था. शिकायतकर्ताओं ने कहा कि उक्त शेयर 39,900 रुपये प्रति शेयर के लिए लाए गए थे जबकि मूल शेयर की कीमत केवल 100 रुपये प्रति शेयर थी. उन्होंने यह भी कहा कि शिवनार होल्डिंग्स 2006 में बनाई गई थी और इसका एकमात्र उद्देश्य काले धन को सफेद करना था.

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शिकायत में कहा गया है कि ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को 15 मार्च 2007 को गहलोत के करीबी रतन कांत शर्मा ने रजिस्टर कराया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने पाया कि ट्राइटन होटल्स को शिवनार होल्डिंग्स से भारी प्रीमियम पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ, जिसे कई बार संशोधित किया गया.

केंद्रीय एजेंसी ने अपनी जांच में यह भी खुलासा किया कि ट्राइटन सीमा पार हवाला लेनदेन में शामिल रहा है. इस साल अगस्त में जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में तलाशी अभियान के दौरान, ईडी ने 1.27 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क और मोबाइल सहित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए थे. इसी मामले में अब सीएम अशोक गहलोत के बेटे को समन किया गया है.

-भारत एक्सप्रेस



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