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UNGA में इजरायल का भारत ने किया समर्थन, वोटिंग से खुद को रखा दूर, चर्चा के दौरान हमास पर करारा प्रहार

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गाजा में इजरायली सेना और हमास आतंकियों के बीच जारी युद्ध के बीच संघर्ष विराम को को लेकर प्रस्ताव पेश किया.

UNGA में भारत ने इजरायल का किया समर्थन

UNGA में भारत ने इजरायल का किया समर्थन

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गाजा में इजरायली सेना और हमास आतंकियों के बीच जारी युद्ध के बीच संघर्ष विराम को को लेकर प्रस्ताव पेश किया. जिसमें इसके पक्ष में 120 वोट पड़े और विरोध में 14 वोट. बायकॉट करने वाले 45 देशों में भारत भी शामिल रहा. हालांकि भारत ने चर्चा में हिस्सा लिया और इजरायल के पक्ष में बोलते हुए आतंकवाद की जमकर आलोचना की. यूएनजीए में मतदान ऐसे समय में हो रहा है जब इजरायल ने गाजा में जमीनी अभियान बढ़ाने की घोषणा की है.

भारत ने प्रस्ताव पर वोटिंग से बनाई दूरी

यूएन में इजरायल गाजा विवाद पर प्रस्ताव को जॉर्डन की तरफ से पेश किया गया. इस प्रस्ताव के मतदान में 45 देश शामिल नहीं हुए. जिसमें भारत, पनामा, आइसलैंड, लिथुआनिया और ग्रीस जैसे देश शामिल थे. इस प्रस्ताव को आपातकालीन विशेष सत्र के दौरान अपनाया गया. संयुक्त राष्ट्र ने गाजा के अंदर एन्क्लेव के अंदर फंसे नागरिकों के लिए जीवनरक्षक चीजों और सेवाओं की आपूर्ति के निरंतर, पर्याप्त और बिना किसी रुकावट के पहुंच की मांग की.

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भारत ने आतंकवाद पर जमकर निशाना साधा

भारत ने जॉर्डन की तरफ से इजरायल-फिलिस्तीन प्रस्ताव से खुद को दूर रखा, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने आतंकवाद पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान भारत ने कहा कि इजरायल-फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष को दूर करने के लिए द्वि-राष्ट्र समाधान के लिए प्रतिबद्ध है. यूएन में भारत की उपदूत योजना पटेल ने इजरायल पर हुए आतंकी हमले पर शोक व्यक्त किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई भी औचित्य नहीं है. हमास इजरायली बंधकों की तत्काल रिहाई करे.

प्रस्ताव में हमास हमले का जिक्र नहीं

भारत ने ये भी कहा कि वह दोनों पक्षों के बीच तनाव करने के सभी प्रयासों का समर्थन करता है. इसके साथ ही फिलिस्तीन की मदद के लिए हमेशा तैयार है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन की तरफ से पेश किए गए प्रस्ताव में कहीं भी हमास के हमलों का जिक्र नहीं किया गया है. जॉर्डन ड्राफ्ट प्रस्ताव को रूस, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत 40 देशों ने समर्थन दिया था.

-भारत एक्सप्रेस

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