सपा करती है परिवारवाद-बीजेपी
अखिलेश यादव ने मैनपुरी उपचुनाव के लिए अपनी पत्नी डिंपल यादव को उम्मीदवार बनया है. जिसपर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी परिवारवाद की बात कहकर तंज कसा है.
यूपी की हाई-प्रोफाईल संसीदय सीट मैनपुरी उपचनुाव के लिए समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार घोषित कर दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह के गढ़ में उनकी बहू और अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारने का फैसला किया है. इस सीट पर सपा का हमेशा से दबदबा रहा है जिसे अखिलेश यादव किसी भी स्थिति में हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं.
जैसे ही अखिलेश यादव ने डिंपल यादव का नाम मैनपुरी उपचुनाव के लिए फाइनल किया वैसे ही सत्ताधारी पार्टी बीजेपी हमलावार हो गई. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने उपचुनाव में डिम्पल यादव को सपा प्रत्याशी घोषित करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सपा में चुनाव लड़ने का अधिकार केवल सैफई कुनबे के पास है. सपा कार्यकर्ता तो केवल नारेबाजी के लिए है.
सपा करती है परिवारवाद की राजनीति
मैनपुरी सीट पर सपा परिवार की सदस्य डिंपल यादव को ही मैनपुरी उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर बीजेपी ने एक बाद फिर परिवारवाद का मुद्दा छेड़ दिया है. बीजेपी नेता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि, सपा में हमेशा सैफई के यादव कुनबे को ही तवज्जो दी जाती है. उपचुनाव में डिंपल यादव को प्रत्याशी घोषित कर अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि वह परिवारवाद की राजनीति से बाहर नहीं आ सकते हैं.
यादव परिवार की बहू पर कुनबा बचाने की जिम्मेदारी
सपा की ओर से मैनपुरी उपचुनाव में प्रत्याशी के तौर पर कई नाम सामने आ रहे थे. पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि, सपा के संयोजक मुलायम सिंह के गढ़ का राजनैतिक उत्ताधिकारी उनके भाई और अब पार्टी समेत परिवार में भी सबसे वरिष्ठ शिवापाल यादव को ही बनाया जाएगा. लेकिन भतीजे अखिलेश यादव ने इस बाद को तरजीह नहीं दी. इसके बाद धर्मेंद्र यादव और फिर लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप का भी नाम सामने आया लेकिन अखिलेश यादव ने इन सब के ऊपर अपनी पत्नी डिंपल यादव को महत्व देते हुए उनपर जीत का भरोसा जमाया. अब यादव परिवार की बहू डिंपल यादव पर कुनबा बचाने की बड़ी जिम्मेदारी है.
-भारत एक्सप्रेस
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