महापुरूषों के नाम पूरे और हिंदी में लिखे जाएंगे.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महापुरूषों का सम्मान और गरिमा बनाए रखना हम सबका नैतिक दायित्व है. इसी भाव के साथ मध्य प्रदेश में एक ऐसा आदेश जारी किया जायेगा, जिससे जिन संस्थानों के नाम महापुरूषों के नाम पर हैं वे नाम पूरे और हिन्दी में लिखे जाएं. मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार को ग्वालियर में शुरू हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (मध्य भारत) के तीन दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन के उद्घाटन-सत्र को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में भी महान क्रांतिकारियों एवं महापुरूषों के नाम प्रमुखता से जोड़े जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री चौहान ने विद्यार्थी परिषद की सराहना करते हुए कहा कि ये संगठन देश और समाज के लिये जीने वाली पीढ़ी तैयार करने में जुटा है. विद्यार्थी जीवन में मुझे इसी संगठन से जुड़ कर देश और समाज की सेवा करने की प्रेरणा मिली. मैं अपने सार्वजनिक जीवन में जो कुछ भी अच्छा कर पाया हूं, वह परिषद से जुड़ने का ही सुफल है.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारे देश का इतिहास समृद्ध और वैभवशाली रहा है. हमारी संस्कृति ने न केवल दुनिया को ज्ञान का प्रकाश दिया अपितु विश्व को “जियो और जीने दो” का पाठ भी पढ़ाया है. हमारी संस्कृति “वसुधैव कुटुम्बकम्” अर्थात पूरे विश्व को एक परिवार सदृश्य मानती है. विश्व का कल्याण हमारी संस्कृति का ध्येय है.
नई शिक्षा नीति लागू करने में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है. स्कूली शिक्षा में तेजी से सुधार आ रहा है. स्कूली शिक्षा में मध्यप्रदेश अब पांचवें नम्बर पर आ गया है. जल्द ही इसमें और सुधार आयेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजी एवं धन के अभाव में हम प्रतिभा को कुंठित नहीं होने देंगे. मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में शुरू की गई है.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा मेधावी छात्र योजना में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के प्रतिभावान बच्चों को उच्च शिक्षा के लिये सरकार आर्थिक मदद दे रही है. बारहवीं कक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले बच्चों की मेडिकल, इंजीनियरिंग, कानून एवं प्रबंधन इत्यादि के प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई की फीस की पूर्ति राज्य सरकार कर रही है.
मुख्यमंत्री चौहान ने बताए सेवा-भावी कार्यकर्ता के लक्षण
मुख्यमंत्री ने अच्छे एवं सेवाभावी कार्यकर्ता के लक्षण भी बताए. उन्होंने गीता के श्लोक का उल्लेख कर कहा कि राग-द्वेष से मुक्त होकर सबको समान समझना, अहंकार से मुक्त होना, धैर्यवान एवं उत्साही होना, असफलता से निराश न होकर लगातार प्रयत्न करना इत्यादि अच्छे कार्यकर्ता के लक्षण हैं.
राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्री प्रफुल्ल आकांत ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्रीय एकात्मता के लिये समर्पित छात्र संगठन है. उन्होंने अधिवेशन में मौजूद विद्यार्थियों का आह्वान किया कि हमारे कृत्य हमेशा ऐसे होना चाहिए जिससे राष्ट्र का भला हो और सम्मान भी बढ़े. डॉ. पुरेन्द्र भसीन ने स्वागत उद्बोधन दिया.
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया और सर्वश्री धमेन्द्र राजपूत, रविन्द्र चौहान और सत्यप्रकाश सिंह तोमर सहित अन्य पदाधिकारी, नगर निगम सभापति श्री मनोज तोमर और भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री अभय चौधरी समेत अन्य जन-प्रतिनिधि मौजूद थे.
– भारत एक्सप्रेस
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