जनजातीय गौरव दिवस पर पीएम मोदी का संबोधन (फोटो X)
Bhagwan Birsa Munda Jayanti: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर खूंटी जिले में उनके पैतृक गांव उलिहातु पहुंचे. जहां उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर 24 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने पीएम जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान की शुरुआत की . इसके अलावा पीएम ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त जारी और विकासशील भारत संकल्प यात्रा’ को हरी झंडी दिखाई.
पीएम मोदी ने किया रोड-शो
प्रधानमंत्री इससे पहले रांची में भगवान बिरसा मुंडा मेमोरियल पार्क सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का दौरा किया. इस दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने रांची में एक रोड शो भी किया. जिसमें हजारों की संख्या में लोग पीएम मोदी को देखने पहुंचे. उन दौरान पीएम मोदी पर लोगों ने जमकर पुष्पवर्षा की. पीएम मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के तहत खूंटी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया.
“जनजातीय गौरव दिवस की बहुत बहुत बधाई”
आज का दिन सौभाग्य से भरा हुआ है. मैं कुछ देर पहले ही भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू से लौटा हूं. उनके परिजनों से भी बड़ी सुखद मुलाकात हुई है. उस पवित्र माटी को माथे पर लगाने का परम सौभाग्य भी मुझे मिला है. मुझे भगवान बिरसा मुंडा मेमोरियल पार्क और स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय देखने का भी अवसर मिला है. 2 वर्ष पहले आज के दिन मुझे ये संग्रहालय देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला था. मैं सभी देशवासियों को जनजातीय गौरव दिवस की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.
जनजातीय गौरव और संघर्ष के प्रतीक हैं भगवान बिरसा मुंडा
जनजातीय गौरव और संघर्ष के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा की गाथा हर देशवासी को प्रेरणा से भर देती है. झारखंड का कोना-कोना ऐसी ही महान विभूतियों, उनके हौसलों और अथक प्रयासों से जुड़ा है. आज झारखंड की इस पावन भूमि से दो ऐतिहासिक अभियानों की शुरुआत होने जा रही है. विकसित भारत संकल्प यात्रा, सेचुरेशन के सरकार के लक्ष्यों को प्राप्त करने का माध्यम बनेगी. पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान, विलुप्त होने की कगार पर खड़ी जनजातियों की रक्षा करेगा, उन्हें सशक्त करेगा.
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अपने अनुभवों के आधार पर मैं आज एक अमृत मंत्र आपके सामने रख रहा हूं. अगले 25 वर्षों के अमृतकाल में अगर हमें विकसित, भव्य और दिव्य भारत का निर्माण करना है, तो हमें उसके 4 अमृत स्तंभों को और मजबूत करना होगा. विकसित भारत के 4 अमृत स्तंभ हैं: पहला- भारत की महिलाएं, हमारी नारी शक्ति दूसरा- भारत के किसान, हमारे पशुपालक, मछली पालक, हमारे अन्नदाता, तीसरा- भारत के नौजवान, हमारी युवाशक्ति, चौथा- भारत का मध्यम वर्ग, भारत के गरीब. इन 4 स्तंभों को हम जितना मजबूत करेंगे, विकसित भारत की इमारत भी उतनी ही ऊंची उठेगी.
दशकों तक हमारे देश में सामाजिक न्याय और सेक्युलरिज्म को लेकर बहुत सी बातें होती रहीं. लेकिन सच्चा सेक्युलरिज्म तभी आता है, जब देश के किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव की सारी संभावनाएं खत्म हो जाएं. सामाजिक न्याय का भरोसा तभी मिलता है, जब सबको बराबरी से, समान भावना से सरकारी योजनाओं का लाभ मिले.
-भारत एक्सप्रेस
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