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“आम लोगों की न जाए जान, मदद…”, अल शिफा अस्पताल में हो रही मौतों पर बोला भारत

हमास के हमले और इजरायल की जवाबी कार्रवाई में अब तक 11000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. बताया गया है कि मरने वालों में 4400 के करीब बच्चे हैं. वहीं करीब-करीब 30000 लोग घायल भी हुए हैं

गाजा को मदद भेज रहा भारत

गाजा को मदद भेज रहा भारत

Israel Hmas War: भारत ने गाजा पट्टी में संघर्ष में फंसे लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया है. भारत ने कहा है कि किसी भी कीमत पर नागरिकों की हत्या न हो. बता दें कि दसरे दिन भी इजरायली बलों ने गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफा में छापेमारी की. भारत ने शुरू में हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए आतंकवादी हमलों की निंदा की और इजरायल के अपनी रक्षा करने के अधिकार का समर्थन किया. भारत ने कहा, “मुद्दा किसी एक सुविधा या विशिष्ट सुविधा के बारे में नहीं है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “भारत ने हमेशा नागरिक हताहतों से बचने, मानवीय कानून का पालन करने और संघर्ष में फंसे लोगों को मानवीय राहत देने की बात करता है.

अब तक 11000 लोगों की मौत

बता दें कि हमास के हमले और इजरायल की जवाबी कार्रवाई में अब तक 11000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. बताया गया है कि मरने वालों में 4400 के करीब बच्चे हैं. वहीं करीब-करीब 30000 लोग घायल भी हुए हैं. इजरायल की ओर से लगातार गाजा में कार्रवाई किया जा रहा है. अब तक हजारों हमास के आतंकियों का खात्मा किया जा चुका है. इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध को अंजाम तक ले जाने की ठान ली है. उनका कहना है कि जब तक हमास को पूरी तरह से खत्म नहीं कर देंगे. चैन से नहीं बैठेंगे. बागची ने कहा, “हमने, बड़े मुद्दे पर, स्थिति को कम करने के प्रयासों, मानवीय सहायता प्रदान करने पर बात की है.

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भारत ने भेजा मदद 

बता दें कि भारत ने गाजा के लोगों के लिए 38 टन मानवीय राहत सामग्री भेजी है. उन्होंने कहा, “हम और अधिक सहायता भेजने पर विचार कर रहे हैं.” वहीं, भारत ने 7 अक्टूबर के “भयानक आतंकवादी हमले” की कड़ी निंदा की है और आतंकवाद के प्रति अपनी शून्य सहिष्णुता को दोहराया है. बागची ने कहा कि इसमें बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई पर बात हो.

फ़िलिस्तीनी अधिकारियों ने कहा है कि अल-शिफ़ा अस्पताल में 650 मरीज़ हैं, जिनमें 36 समय से पहले जन्मे बच्चे भी शामिल हैं. उन्होंने कहा है कि जनरेटर चलाने के लिए ईंधन की कमी के कारण 11 नवंबर से तीन समय से पहले जन्मे बच्चों सहित 40 मरीजों की मौत हो गई है. गाजा में मरने वालों में 200 से अधिक चिकित्सा कर्मचारी शामिल हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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