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Delhi: इंडो फ्रेंच कल्चरल सेंटर में पेंटिंग एक्जीबिशन, 125 बच्चों को किया गया सम्मानित

painting exhibition

चित्रकला प्रदर्शनी में बच्चों की पेंटिग्स ने सभी को आकर्षित किया

विचारों की अभिव्यक्ति के कई सारे माध्यम कला क्षेत्र में मौजूद हैं. लेकिन, पेंटिंग्स मानव सभ्यता के कालखंड में एक विशेष स्थान रखती है. इस ताकवर माध्यम ने हजारों सालों के मानव और प्राकृतिक इतिहास को सहेज कर भी रखा है. इस विधा के होनहार हर पीढ़ी में निकलते रहते हैं. इसी के मद्देनजर एक चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन नई दिल्ली के इंडो फ्रेंच कल्चरल सेंटर में किया गया.

ये प्रदर्शनी ‘वेल डन आर्ट एकेडमी’ और ‘महाराजा एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट एंड क्राफ्ट’ की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी. इस प्रदर्शनी की ख़ास बात ये भी है कि इसमें शामिल की गई सभी पेंटिग्स बच्चों के द्वारा बनाई गई हैं. एक-एक पेंटिग अपने आप में बेहद अनूठी है जो सैकड़ों भाव अपने अंदर समाहित किए हुए हैं. गौरतलब है कि यह पेटिंग एक्जीबिशन पिछले 11 सालों से लगाई जा रही है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी, राजदूत दीपक बोहरा और डॉक्टर जितेंद्र नागपाल ने दीप प्रज्वलित कर इस कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. मुरली मनोहर जोशी बच्चों की पेंटिंग से बहुत प्रभावित हुए. उन्होंने हर एक पेंटिग को सराहा और बच्चों द्वारा कैनवस में उतारे गए भावों को समझने की कोशिश की.

painting exhibition

कार्यक्रम में 125 बच्चों को ट्रॉफी देकर उनकी पेंटिंग के लिए सम्मानित भी किया गया. इन प्रतिभागियों में डीपीएस ईस्ट ऑफ कैलाश स्कूल के छात्र  साद्यांत कौशल की पेंटिंग 1.5 लाख रुपये में बिकी. प्रदर्शनी में बाकी बच्चे भी अपनी कला को मिल रही सराहना से बेहद खुश नज़र आए. हालांकि, इसमें कोई शक नहीं कि अगर इन बच्चों के हुनर को और तराशा जा तो ये देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बना सकते हैं.

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‘वेल डन आर्ट एकेडमी’ और MAFAC 

‘वेल डन आर्ट एकेडमी’ और MAFAC पेंटिंग के क्षेत्र में बच्चों के हुनर को बाहर लाने और देश- दुनिया में इसे प्रमोट करने का काम काफी अर्से से कर रही हैं. पेंटिंग के क्षेत्र में ये संस्थाएं लगातार कई स्तर पर अपने कार्यक्रम चलाती रहती हैं. इसकी विशेष पहल अमिता कौर ने शुरू की. जो खुद एक आर्टिस्ट हैं और दिल्ली से ताल्लुक रखती हैं.

वेल डन आर्ट एकेडमी के जरिए कला को यह हर क्षेत्र में पहुंचा रही हैं. गौरतलब है कि आर्ट अमिता के डीएनए में हैं. इनके पिता मशहूर आर्टिस्ट एलआर गांधी हैं और उन्हीं के अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए इन्होंने गुड़गांव में एकेडमी के साथ-साथ आर्ट गैलरी भी तैयार की हैं.

– भारत एक्सप्रेस



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