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‘वंदे मातरम और जय हिंद जैसे नारों से दूरी’, शीतकालीन सत्र से पहले राज्यसभा सदस्यों के लिए जारी हुए नए दिशा-निर्देश

Parliament Winter Session 2023: नए दिशा निर्देशों में सभापति के बोलने के दौरान सदस्यों को सदन न छोडने और सदन में शांति बनाए रखने के लिए भी कहा गया है.

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Parliament Winter Session 2023: संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होने जा रहा है, जोकि 22 दिसंबर तक चलेगा. सत्र के शुरु होने से पहले राज्यसभा में नए कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. जिनमें अन्य नियमों के साथ ही सदन में उठाए जाने वाले विषयों की पूर्व में ही पब्लिसिटी पर रोक की बात कही गई है. वहीं सभापति द्वारा नोटिस स्वीकृति तक साथी सदस्यों को भी इस बारे में जानकारी देने से मना किया गया है. जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार सदन में थैंक्यू, थैंक्स, जय हिन्द, वंदे मातरम जैसे नारे ना लगाने की भी बात कही गई है. सदस्यों से सदन के अंदर या बाहर सभापति की आलोचना ना करने के लिए कहा गया है.

संसद सदस्यों को अप्रैल 2022 में पब्लिश हैंडबुक में उल्लेखित संसदीय परंपराओं और तौर-तरीकों की याद दिलाई गई है. वहीं नए दिशा निर्देशों के अनुसार सदन में तख्तियां लहराने पर भी अब रोक लगा दी गई है. इसके अलावा सभापति के बोलने के दौरान सदस्यों को सदन न छोडने और सदन में शांति बनाए रखने के लिए भी कहा गया है.

धूम्रपान पर प्रतिबंध तो गैर हाजिरी पर सख्ती

अन्य दिशा निर्देशों में सदन में एक साथ दो सदस्य खड़े नहीं हो सकते तो सदस्यों के सभापति के पास सीधा पहुंचने पर भी रोक लगाई गई है. इसके लिए  उन्हें अटेंडेंड के हाथों पर्ची भेजनी होगी. इसके अलावा सदस्यों को लिखित भाषण नहीं पढ़ने की भी बात कही गई है. सदन में सदस्यों की उपस्थिति दर्ज होनी आवश्यक है. अगर बिना अनुमति के कोई सांसद 60 दिनों तक अगर सदन से गैर हाजिर रहता है तो उसकी सीट खाली घोषित की जा सकती है.

संसद परिसर में धूम्रपान पर भी पाबंदी लगा दी गई है. इसके अलावा किसी भी सांसद द्वारा सदन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी करना भी मना है. नए सदस्यों के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. उनका पहला भाषण, मेडन स्पीच, 15 मिनट से अधिक का न हो और विषय से हटकर न बोलने से मना किया गया है. वहीं विदेश यात्रा से पहले लें केंद्र की अनुमति लेना जरूरी है. विदेश यात्रा की जानकारी और उसका उद्देश्य बताते हुए कम से कम 3 सप्ताह पहले इस बारे में सूचित करना होगा.

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नए दिशा निर्देशों में कहा गया है कि सांसदों को कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे संसद की बदनामी हो और उनकी विश्वसनीयता पर असर पड़े. संसद सदस्यों को भारत और विदेश में संपत्ति और देनदारियों के बारे में जानकारी देनी चाहिए. वहीं उन्हें उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का दुरुपयोग भी नहीं करना चाहिए.



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