एकादशी
Utpanna Ekadashi 2023: उत्पन्ना एकादशी सभी एकादशियों में सबसे अधिक फलदायी माना जाता है. मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्न एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन संतानहीन जहां संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं वहीं धन की कामना के लिए माता लक्ष्मी की अपासना की जाती है. एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनवांछित फलों का प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि अगर पति-पत्नी साथ में व्रत और पूजा करें तो संतान की प्राप्ति अवश्य होती है. संतान का जीवन सुखी रहे इसके लिए भी उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता है.
उत्पन्ना एकादशी का है खास महत्व
ऐसी मान्यता है कि अगर आप एकादशी का व्रत शुरु करने जा रहे हैं तो उत्पन्ना एकादशी इसके लिए सबसे शुभ है. पहली एकादशी मानते हुए उत्पन्ना एकादशी से जो जातक व्रत की शुरुआत करते हैं, उन्हें एकादशी के सभी फलों की प्राप्ति होती है.
उत्पन्ना एकादशी के व्रत से होता है यह लाभ
एकादशी का व्रत रखने से मन पवित्र होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं. ऐसे में भगवान विष्णु की कृपा से इंसान को धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है. अगर व्यक्ति को किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है तो वह भी दूर होती है. उत्पन्ना एकादशी के व्रत से संतान और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है.
उत्पन्ना एकादशी 2023 पर शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस साल 2023 में 08 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 06 मिनट से मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत हो जाएगी. वहीं अगले दिन 09 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर इसका समापन होगा. उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए उत्पन्ना एकादशी का व्रत 08 दिसंबर को रखा जाएगा. वहीं ज्योतिष के जानकारों के अनुसार वैष्णव जन उत्पन्ना एकादशी का व्रत 09 दिसंबर को रखेंगे.
उत्पन्ना एकादशी के दिन कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं. इस दिन सौभाग्य और शोभन योग बन रहा है. जो कि सुबह से लेकर देर रात 12 बजकर 05 मिनट तक रहेगा. इस समय के बाद शोभन योग शुरु हो जाएगा. इस दिन पूजा पाठ की दृष्टि से शुभ माने जाने वाला अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 52 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.
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उत्पन्ना एकादशी पर पारण का मुहूर्त
उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण 9 दिसंबर को किया जाएगा. इस दिन दोपहर में 01 बजकर 16 मिनट से लेकर दोपहर के ही 03 बजकर 20 मिनट तक किया जा सकता है. वहीं वैष्णव लोगों के लिए दोपहर में 12 बजकर 41 मिनट पर पारण करना उत्तम होगा.
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