उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन सत्र को संबोधित करते हुए अमित शाह
Uttarakhand Global Investors Summit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत 2025 के अंत तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और दूरदर्शी नेतृत्व के कारण भारत पिछले एक दशक में हर मोर्चे पर तेजी से आगे बढ़ा है.अमित शाह ने शनिवार को उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “पीएम मोदी ने लक्ष्य रखा है कि भारत 2047 तक दुनिया भर के सभी क्षेत्रों में नंबर 1 देश होगा.”
11वीं से पांचवीं अर्थव्यवस्था बना भारत: शाह
पीटीआई ने उनके हवाले से कहा, “दुनिया आज भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है. 2014 से 2023 के बीच, भारत दुनिया की 11वीं अर्थव्यवस्था से उठकर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.” उन्होंने इसका श्रेय पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को देते हुए कहा,आजादी के 75 साल के दौरान देश ने पहले कभी इतनी बड़ी छलांग नहीं लगाई.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “पीएम मोदी जलवायु परिवर्तन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं, वह आतंकवाद मुक्त दुनिया के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान का नेतृत्व करने के अलावा अपने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से दुनिया की धीमी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को गति देने की कोशिश कर रहे हैं.” अमित शाह ने कहा, “जी-20 ने कहा कि दिल्ली घोषणापत्र कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की बड़ी उपलब्धि थी, जिसे दुनिया आने वाले दशकों तक याद रखेगी.”
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उद्घाटन सत्र के दौरान पीएम मोदी ने दिया था वोकल फॉर लोकल पर जोर
पीएम मोदी ने 8 दिसंबर को उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश को अब वोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. कार्यक्रम में बोलते हुए, पीएम मोदी ने पीटीआई के हवाले से कहा, “पिछले कुछ वर्षों में भारत का विशेष विकास हुआ है. देश की एक आबादी ऐसी थी जो हर चीज़ से वंचित थी.अब सरकार की योजनाओं के कारण सिर्फ पांच साल में 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आ गये हैं.”
“इन सभी ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया है. आज देश की उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा, “हमें लोकल के लिए वोकल और ग्लोबल के लिए लोकल बनना होगा.” दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, उत्तराखंड सरकार ने शिखर सम्मेलन के दौरान सुशासन उपायों, एक सहायक नियामक ढांचे और टिकाऊ प्रथाओं पर जोर देते हुए 15 से अधिक निवेशक-अनुकूल नीतियों को उजागर करने की योजना बनाई.
इसमें कहा गया है कि एजेंडे में बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) और सरकार-टू-बिजनेस (जी2बी) बैठकें भी शामिल हैं, जिसका उद्देश्य निवेशकों को सूचित निर्णय लेने में सहायता करना है.