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Mallikarjun Kharge And Dhankhar: बातचीत के आमंत्रण को खड़गे ने ठुकराया, कांग्रेस अध्यक्ष ने जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर कही ये बातें

Mallikarjun Kharge And Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की ओर से अपने आवास पर चर्चा के लिए बुलाए जाने का पत्र मिलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र के जरिए जवाब दिया है.

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खरगे ने उपराष्ट्रपति धनखड़ को लिखी चिट्ठी

Mallikarjun Kharge And Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की ओर से अपने आवास पर चर्चा के लिए बुलाए जाने का पत्र मिलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र के जरिए जवाब दिया है. जिसमें खड़गे ने बैठक में शामिल होने से इनकार किया है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में कहा है कि वह बैठक में शामिल नहीं हो सकते हैं, क्योंकि अभी दिल्ली से बाहर हैं.

खड़गे को बातचीत के लिए किया था आमंत्रित

दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद में विपक्ष की ओर से व्यवधान खड़ा करने और सांसदों के निलंबन पर चर्चा के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को अपने आवास पर आमंत्रित किया था. इसके लिए धनखड़ ने खड़गे को पत्र भी लिखा था. जिसमें 25 दिसंबर की तारीख तय थी. पत्र का जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अभी फिलहाल वो बाहर हैं, इसलिए बैठक में शामिल नहीं हो सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सभापति सदन के कस्टोडियन हैं और उन्हें संसद की गरिमा को बनाए रखने के लिए सबसे आगे रहना चाहिए.

कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र लिखकर किया जवाब

कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से लिखे गए पत्र में और भी कई बड़ी बातें लिखी हुई हैं. जिसमें उन्होंने कहा है कि “सभापति को सदन की गरिमा बनाए रखने, संसदीय विशेषाधिकारों की रक्षा करने और संसद में बहस, चर्चा और जवाब के माध्यम से अपनी सरकार को जवाबदेह ठहराने के लोगों के अधिकार की रक्षा करने में सबसे आगे रहना चाहिए.”

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पत्र के जरिए साधा निशाना

मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे लिखा है कि “ये काफी दुखद होगा कि जब इतिहास में पीठासीन अधिकारी की भूमिका का इतिहास बिना चर्चा के पारित किए गए विधेयकों और सरकार से जवाबदेही न मांगने के लिए याद किया जाएगा.”

धनखड़ ने लिखा था पत्र

वहीं उपराष्ट्रपति ने खड़गे को जो पत्र लिखा था उसमें उन्होंने कहा है कि “उनके बार-बार आग्रह के बावजूद शीतकालीन सत्र के दौरान ऐसी बैठक नहीं पाई थी. सदन में भारी हंगामा जो किया गया, वो रणनीति के तहत था. इस मामले में मुख्य विपक्षी दल की इस पूर्व निर्धारित रणनीति की भूमिका की ओर इशारा करके आपको लज्जित नहीं करना चाहता था, लेकिन जब कभी भी आगे आपसे बात करने का मौका मिलेगा तो वह आपसे जरूर कहूंगा.” इसी पत्र में धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खड़गे को आवास पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया था.

-भारत एक्सप्रेस



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