दयानिधि मारन को कांग्रेस ने भेजा लीगल नोटिस
DMK MP Statement: तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रमुक के सांसद दयानिधि मारन के यूपी-बिहार के मजदूरों पर दिए गए बयान को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है. डीएमके सांसद दयानिधि मारन की ओर से महीने पहले दिए गए इस बयान को लेकर बिहार से तमिलनाडु तक के सियासी गलियारों में हंगामा शुरू हो गया है. इसी बीच बिहार कांग्रेस ने डीएमके सांसद को लीगल नोटिस भेजकर माफी मांगने की मांग की है. नोटिस में ये भी कहा गया है कि अगर दयानिधि मारन माफी नहीं मांगेंगे तो उनके खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा.
बीजेपी ने दी आंदोलन की धमकी
दूसरी तरफ बीजेपी भी इस मामले को लेकर सक्रिय हो गई है. तमिलनाडु और बिहार बीजेपी ने भी दयानिधि मारन से माफी मांगने की मांग की है. इसके अलावा अगर डीएमके सांसद अगर माफी नहीं मांगते हैं तो बीजेपी ने सड़क पर उतरकर आंदोलन की धमकी दी है. सियासी बवाल के बीच डीएमके ने अपनी सफाई पेश की है.
कांग्रेस ने भेजा लीगल नोटिस
कांग्रेस नेता की ओर से भेजे गए लीगल नोटिस को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने बताया कि डीएमके सांसद को नोटिस जारी कर 15 दिनों के अंदर माफी मांगने के लिए कहा गया है. अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा.
डीएमके ने लगाया भ्रम फैलाने का आरोप
वहीं डीएमके ने दयानिधि मारन के वायरल वीडियो को पुराना बताते हुए बीजेपी पर इस मामले को तूल देने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही कहा है कि बीजेपी इस मुद्दे को हवा देकर जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है. द्रमुक प्रवक्ता जे कॉन्स्टैंडिन रवींद्रन ने बीजेपी पदाधिकारियों की निंदा करते हुए कहा कि वह लोग जान-बूझकर झूठ फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि डीएमके एक समतावादी समाज बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. तमिलनाडु जैसा कोई खास राज्य श्रेष्ठ नहीं है और न ही यूपी-बिहार जैसा राज्य अन्य राज्यों से कम है. उन्होंने ये भी कहा कि सांसद दयानिधि मारने के बयान का सार लोगों के लिए उपलब्ध अवसरों के बारे में था.
-भारत एक्सप्रेस
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