भविष्य का पूर्वाभास
sixth sense: माना जाता है कि ईश्वर ने हर व्यक्ति को छठी इंद्रिय दी है, लेकिन अपने कर्मों की वजह से हम इस इंद्रिय का उपयोग नहीं कर पाते. अगर हम अच्छे कर्म करें तो हमारी यह इंद्रिय जागृत हो जाती है और हम भविष्य में होने वाली घटनाओं का पूर्वानुमान लगा सकते हैं. कुछ लोग इसे तृतीय नेत्र या तीसरी आंख भी कहते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो कुछ घटित हो रहा है वह पूर्व में सूक्ष्म जगत में घट चुका है.
यह कुछ ऐसा ही है जैसे एक ही कहानी को दो बार सुना जा रहा है. कभी-कभी ऐसा होता है कि हमें लगता है कि इस घटना के बारे में हमें पहले ही जानकारी थी या हमें इस बात का एहसास हो गया था कि यह घटना होकर रहेगी.कुछ लोगों को तो अपनी मृत्यु तक का पूर्वाभास हो जाता है. इसके अलावा, आपके आसपास कुछ छोटी-छोटी चीजें घटित होने लगती है, जो बड़ी घटना का संकेत देती हैं. जहां कुछ लोग इस तरह की चीजें को समझ कर उन पर ध्यान देते हैं वहीं कुछ लोग इसे समझ ही नहीं पाते.
कैसे आपको भी होने लगेगा पूर्वाभास
माना जाता है कि आध्यात्मिक जगत से जुड़े लोग भी पूर्वाभास का अनुभव करते हैं. पूर्वाभास द्वारा आप आने वाले खतरे की स्थिति को जानकर उस से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं. इस तरह का खतरा न केवल आपको बल्कि आप से जुड़े लोगों की जान भी बचा सकता है.
कभी-कभी हमारी आत्मा भी हमें किसी काम को करने से रोकती है, लेकिन हम लालच या किसी अन्य लाभ के वशीभूत होकर वह काम कर जाते हैं. बाद में उससे होने वाले नुकसान के कारण हमें इसका पछतावा होता है कि हमने यह काम क्यों किया.
इसलिए यह जरूरी है कि हमारे मन मस्तिष्क में अगर किसी तरह का भाव आए तो उस पर ध्यान दें. इसके अलावा हमें अपने आसपास हो रही घटनाओं और संकेतों पर भी ध्यान देना चाहिए. उनकी सहायता से ही हम आने वाली बाधाओं का अनुमान लगाकर उनसे निजात पा सकते हैं.
जहां तक हो सके हमें दूसरों के प्रति भी अच्छा सोचना चाहिए और अपनी सोच में सकारात्मकता का समावेश करना चाहिए. इसके अलावा ईश्वर की भक्ति भी पूर्वाभास कराने में सक्षम है. जो लोग नियमित तौर पर ईश्वर का स्मरण करते हैं ईश्वर उन्हें आने वाली विपत्तियों से बचाने के लिए ऐसे संकेत देते रहते हैं. ऐसे में उनकी छठी इंद्रिय काम करने लगती है.
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