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‘रामलला पहले से विराजमान…’ गर्भगृह में नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा क्यों? शंकराचार्य ने फिर उठाए सवाल

Swami Avimukteshwarananda Saraswati on ramlala Murti: शंकराचार्य ने रामलला के गर्भगृह में स्थापित की गई मूर्ति को लेकर फिर सवाल उठाए है.

Swami Avimukteshwarananda Saraswati on ramlala Murti

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती.

Swami Avimukteshwarananda Saraswati on ramlala Murti: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर नाराज बताए जा रहे है शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने फिर से सवाल उठाए हैं. इसके लिए उन्होंने राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने पूछा कि जब पहले से रामलला विराजमान हैं तो फिर नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा क्यों की जा रही है?

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उन्होंने कहा कि मुझे समाचार पत्रों के जरिए यह पता चला है कि ट्रक के जरिए मूर्ति राम मंदिर में लगाई गई है. उनकी प्राण प्रतिष्ठा राम मंदिर में होगी. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यदि नई मूर्ति की स्थापना गर्भ गृह में लगाई जाएगी तो श्रीरामलला विराजमान का क्या होगा? अभी तक भक्त समझते थे कि श्रीरामलला विराजमान के लिए राम मंदिर बनाया जा रहा है लेकिन अब नए मंदिर में गर्भगृह में प्रतिष्ठा के लिए लाए जाने की आशंका प्रकट हो रही है. इससे रामलला विराजमान की उपेक्षा हो सकती है.

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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाए

उन्होंने कहा कि यह वही रामलला विराजमान हैं जो अपनी जन्मभूमि पर प्रकट हुए हैं. जिन्होंने जानें कितने सालों में वहां प्रकट होकर डटकर सामना किया है. जिन्होंने सालों टेंट में रहकर धूप, वर्षा और ठंड से मुकाबला किया है. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अतः आपसे प्रार्थना है कि निर्माणाधीन मंदिर के जिस गर्भगृह में प्रतिष्ठा की बात की जा रही है वहां श्रीरामलला विराजमान की प्रतिष्ठा की जाए. उन्होंने कहा कि रामलला मंदिर में किया गया गया कार्य इतिहास, जनभावना, नैतिकता, धर्मशास्त्र और कानून की दृष्टि से अनुचित होगा.

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