छत्तीसगढ़ स्थित हरचौका चौक.
Lord Ram Came Harchauka Chhattisgarh in exile days: देश में चारों ओर राम नाम की गुंज हैं. प्रत्येक देशवासी को 22 जनवरी का इंतजार है. जब पीएम नरेंद्र मोदी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं भगवान राम को जब 14 वर्ष का वनवास हुआ था तो वे आज के वर्तमान छत्तीसगढ़ में सबसे पहले हरचौका आए थे. भगवान राम ने वनवास के 4 महीने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ मवई नदी के तट पर बिताए थे. तब से इस जगह को सीतामढ़ी के नाम से जाना जाता है.
मवई नदी के किनारे भगवान राम ने बिताए 4 महीने
अब 22 जनवरी को भी हरचैका में मेला लगेगा. इसमें छत्तीसगढ़ और एमपी के लोग भी यहां पहुंचेंगे. मवई नदी के किनारे स्थित सीतामढ़ी-हरचौका की इस गुफा में 17 कमरे हैं. इस स्थान को सीता रसोई के नाम से जाना जाता है. वहीं यहां की गुफा में 12 शिवलिंग भी स्थापित हैं. गुफा में रहने के दौरान भगवान राम शिवलिंग की पूजा करते थे.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रीराम के आने से पहले यहां भगवान विश्वकर्मा आए थे उन्होंने ही भगवान राम के रहने के लिए गुफा का निर्माण किया था. यहां स्थित सीता रसोई में माता सीता खाना बनाती थी. माता सीता मवई नदी के तट पर स्नान किया करती थी.
भगवान राम छत्तीसगढ़ के भांजे- श्याम बिहारी जायसवाल
वहीं हरचौका के मेले को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सबसे ज्यादा उत्साह हरचौका में है. भगवान राम को यहां भांजा माना जाता है. क्योंकि माता सीता छत्तीसगढ़ की बेटी थीं. इसलिए हरचौका में यह उत्सव बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाएगा.