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बंसीपहाड़पुर का संगमरमर….भूकंप भी नहीं हिला सकेगा नींव, जानें कितना मजबूत है राम मंदिर

Ram mandir Inauguration Age of Ram Temple: राम मंदिर के निर्माण को सुरक्षा के सारे पहलुओं को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है.

Ram mandir Inauguration Age of Ram Temple

निर्माणाधीन राम मंदिर.

Ram mandir Inauguration Age of Ram Temple: हर देशवासी 22 जनवरी के पवित्र दिन का इंतजार कर रहा है. जब रामलला टेंट से निकलकर भव्य महल रूपी मंदिर में प्रवेश करेंगे. इससे पहले अयोध्या जगमग है. अयोध्या दुल्हन की तरह सज-धज कर तैयार हो रही है. मंदिर प्रशासन से जिले का प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी इस काम में जुटा है कि कहीं कोई कमी ना रह जाए. इस प्रकार का उत्साह सदियों में पहली बार देखा जा रहा है. क्योंकि इस देश के आराध्य फिर लौट रहे हैं.

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रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. ऐसे में एक नजर डालते हैं राम मंदिर के निर्माण पर. राम मंदिर को बनाने वाले इंजीनियरों की मानें तो सुरक्षात्मक दृष्टि से मंदिर निर्माण के दौरान सभी सुरक्षात्मक पहलुओं का ध्यान रखा गया है. मंदिर का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि 6.5 से अधिक तीव्रता का भूकंप भी इस मंदिर का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा.

मंदिर में लगा मिर्जापुर-बंसीपहाड़पुर का पत्थर

मंदिर निर्माण में जुटे इंजीनियरों ने बताया कि मंदिर के पिलर की मोटाई बढ़ाई गई है. इसके साथ दीवारों पर भी भारी पत्थर लगाए गए हैं. मंदिर की नींव को मजबूत पत्थरों से बनाया गया है. कुल मिलाकर मंदिर को आने वाले 1000 साल तक सुरक्षित रखा जा सकेगा. इसके अलावा पूरे मंदिर में 17 हजार ग्रेनाइट स्टोन्स का इस्तेमाल किया गया है. इसमें से एक हर एक का वजन 2 टन है. इसके अलावा मिर्जापुर से 4 लाख क्यूबिक फीट गुलाबी पत्थर लाए गए हैं. इसके अलावा राजस्थान के बांसी पहाड़पुर से एक लाख क्यूबिक फीट संगमरमर का इस्तेमाल किया जाता है.

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4500 से अधिक मूर्तिया बना रहे हैं कलाकार

मंदिर के निर्माण में 4500 से अधिक मूर्तियां राजस्थान और केरल के कलाकार लगातार बना रहे हैं. ट्रस्ट के सदस्यों की मानें तो प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से विदेशी भी आकर राम मंदिर के दर्शन कर सकेंगे. मंदिर में दर्शन का सुबह 7 बजे 11ः30 बजे तक का रखा गया है. हालांकि मंदिर के समय में बदलाव किया जा सकता है.

 

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