इमाम उमर अहमद इलियासी (फोटो ANI)
Omar Ahmed Ilyasi: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को भ्य राम मंदिर का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था. जिसमें देशभर से तमाम दिग्गज हस्तियां शामिल हुई थीं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के मुख्य इमाम उमर अहमद इलियासी भी शामिल हुए थे. जिसको लेकर अब उनके खिलाफ फतवा जारी हो गया है. इमाम उमर अहमद इलियासी ने बताया कि घटना के दिन से, उन्हें लोगों के एक वर्ग की तरफ से प्रताड़ित किया जा रहा है, इसके साथ ही उन्हें फोन पर धमकियां भी मिल रही हैं.
सोशल मीडिया पर जारी हुआ फतवा
बता दें कि प्रताण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को आयोजित हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए थे. इस समारोह में विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों से 7,000 से अधिक आमंत्रित अतिथि शामिल हुए थे. इलियासी ने कहा कि उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति की तरफ से फतवा जारी किया गया है. जिसमें उनका मोबाइल नंबर भी दिया गया है. जिसे सभी इमामों और मस्जिद प्राधिकारियों को भेजा गया था और उनसे ‘मेरा बहिष्कार’ करने के लिए कहा गया.
माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग
उमर अहमद इलियासी ने कहा कि फतवे में ‘मुझसे माफी मांगने’ और ‘अपने पद से इस्तीफा देने’ के लिए भी कहा गया है. उन्होंने कहा, ”उन्होंने किस बात से प्रेरित होकर फतवा जारी किया, यह तो वे ही जानते हैं. राम जन्मभूमि (मंदिर) ट्रस्ट ने मुझे एक निमंत्रण भेजा था, जिसे मैंने स्वीकार कर लिया.’’
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गलत नहीं किया…इसलिए माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता
इमाम ने कहा, ‘‘इसके बाद दो दिनों तक मैं सोचता रहा कि मुझे क्या निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा निर्णय था, लेकिन फिर मैंने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए, देश के लिए और राष्ट्रहित में सोचा और यह निर्णय लिया और अयोध्या गया.” इमाम ने कहा कि अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत किया. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा उद्देश्य ‘पैगाम-ए-मोहब्बत’ देना था, जो मैंने वहां पहुंचाया.’’ इमाम ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता.
भारत एक्सप्रेस
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