मंकी फीवर से कर्नाटक में दो लोगों की मौत (सांकेतिक तस्वीर)
Monkey Fever: कर्नाटक में एक बार फिर से मंकी फीवर से 2 लोगों की मौत होने का मामला सामने आया है. इस साल ये अब तक दूसरी मौत हो है, जो मंकी फीवर से हुई है. मंकी फीवर से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस वायरल संक्रमण के प्रसार से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा करेंगे. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, ‘मंकी फीवर’ (क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज) के कारण पहली मौत आठ जनवरी को शिवमोग्गा जिले के होसानगर तालुक में हुई थी, जिसमें 18 वर्षीय एक युवती की मौत हो गई थी.
अब तक ‘मंकी फीवर’ के 49 मामले सामने आ चुके हैं
वहीं, दूसरी मौत उडुपी जिले के मणिपाल में हुई, जब चिक्कमंगलुरु के श्रृंगेरी तालुक में रहने वाले 79 वर्षीय व्यक्ति की एक निजी अस्पताल में मौत हो गई. कर्नाटक में अब तक ‘मंकी फीवर’ के 49 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से उत्तर कन्नड़ जिले में सर्वाधिक 34 मामले सामने आए हैं. इसके बाद शिवमोग्गा जिले में 12, जबकि चिक्कमंगलुरु में संक्रमण के तीन मामले सामने आए.
2 मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
केएफडी के मामलों की संख्या में वृद्धि और इससे दो लोगों की मौत होने के बीच कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आयुक्त डी. रणदीप ने शनिवार को शिवमोग्गा जिले का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने उत्तर कन्नड़, शिवमोग्गा और चिक्कमंगलुरु जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठकें की थीं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आयुक्त के मुताबिक, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस साल 1 जनवरी से अब तक प्रभावित जिलों से कुल 2,288 नमूने एकत्र किए हैं, जिसमें से 48 मामलों में संक्रमण की पुष्टि हुई है.
हो सकती हैं ये दिक्कतें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मंकी फीवर के गंभीर मामलों में, नाक से खून आने और मसूड़ों से रक्तस्राव जैसी रक्तस्रावी समस्याओं का भी जोखिम हो सकता है। कुछ लोगों में कंपकंपी, चलने में असामान्यताएं और मानसिक भ्रम जैसी न्यूरोलॉजिकल जटिलताएं उन्नत हो सकती हैं.
कोरोना महामारी ने मचाई तबाही
गौरतलब है कि 2020 में शुरु हुई कोरोना महामारी अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है. आए दिन कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला अभी भी जारी है. जिसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जरूरी कदम उठा रहा है. देश में कोरोना महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए युद्ध स्तर पर कोरोना टीकाकरण का अभियान चलाया गया था. जिसमें देश के हर एक नागरिक को मुफ्त में वैक्सीन की डोज दी गई थीं. अभी भी ये अभियान चलाया जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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