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UP Budget 2024: “वही मंजिल पर पहुंचा है जो अपने पांव चलता है…”, बजट भाषण में वित्त मंत्री ने लगाया शेरो-शायरी का तड़का, खूब लगे ठहाके

आंकड़ों की बाजीगरी में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की शेरो-शायरी ने विधायकों का दिल जीत लिया और बजट सत्र के दौरान सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा.

फोटो-सोशल मीडिया

UP Budget 2024: सोमवार यानी 5 फरवरी को देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश का भारी भरकम बजट पेश हुआ है और इसी के बाद से आम जनता ये देखने में जुट गई है कि लोकसभा चुनाव से पहले आने वाला बजट उनके लिए कितना खास रहा है. बता दें कि वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का यह आठवां बजट है. उत्तर प्रदेश के बजट का आकार 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपए है. बजट भाषण के दौरान सदन का माहौल हल्का फुल्का रखने के लिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने शेरो-शायरी का तड़का लगाया तो सदन में लोग ठहाके लगाते नजर आए. इस दौरान सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा.

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शायर बने भी दिखाई दिए. इस मौके पर माहौल को हल्का-फु्ल्का बनाने के लिए उन्होंने चुनिन्दा शेर पढ़े तो सदन के सदस्य ठहाका लगाए बगैर नहीं रह सके. तो वहीं चिकित्सा क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए वित्त मंत्री ने कहा-“हौसले दिल में जब मचलते हैं, आंधियों में चिराग जलते हैं.” तो इसी के साथ ये भी कहा कि “मुक्त हूं कर्तव्य की चिन्ताओं से, दर्द से दुःख से मुझे आराम है, हर किसी के वास्ते हर वस्तु है, यह हमारे ऐश्वर्य का पैगाम है. आगे उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए सरकारी प्रयास के बारे में बताते हुए कहा कि “पैदा नजर-नजर में एक ऐसा मुकाम कर, दुनिया सफर करे तेरे दामन को थाम कर.” बजट भाषण देते हुए वित्त मंत्री ने यूपी की योगी सरकार को गरीबों के हितों में काम करने वाला बताया और कहा कि, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है. इसी के साथ ही उन्होंने शायरी पढ़ी-

“आँख का हर अश्रु कण हंसने लगा है,
ढ़ल गयी है आह भी संगीत में,
जगमगाता है हृदय का अंधकार,
कष्ट परिवर्तित हुए हैं गीत में.”

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तो वहीं लोकसभा चुनाव से पहले साल 2024-2025 के बजट को वित्त मंत्री ने यूपी की जनता को समर्पित करते हुए कहा कि सदन में उपस्थित सम्मानित जनप्रतिनिधियों के माध्यम से बजट जनता को समर्पित है. तो वहीं बजट समाप्ति की घोषणा करने से पहले उन्होंने एक शायरी का सहारा लिया और पढ़ा-

“तुम्हारी शख्सियत से ये सबक लेंगी नई नस्लें,
वहीं मंजिल पर पहुँचा है जो अपने पाँव चलता है.
डुबो देता है कोई नाम तक भी खानदानों का,
किसी के नाम से मशहूर होकर गाँव चलता है.”

-भारत एक्सप्रेस

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