जदयू विधायक सुधांशु शेखर.
Horse Trading: बिहार में एनडीए की सरकार का गठन हो गया है. एनडीए ने दो दिन पहले यानी 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया. वहीं दूसरी ओर इस मामले से जुड़ी चौंकाने वाली खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, सत्तारूढ़ जदयू के विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी. मंगलवार (13 फरवरी) को जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने एक एफआईआर दर्ज करवाई है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें विश्वास मत से पहले राजद (महागठबंधन) में जाने के लिए 10 करोड़ रुपये की रिश्वत और कैबिनेट मंत्री पद ऑफर किया गया था.
मीडिया के एक सवाल के का जवाब देते हुए जदयू एमएलए सुधाशु शेखर ने कहा कि उन्होंने किसी दवाब में आकर कोई फैसला नहीं लिया है. उनके साथ घटना घटी, जिसके बाद उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाया है. आगे उन्होंने बताया कि इंटरनेट के जरिए कॉल आया था. जिसमें उन्हें 5 करोड़ और मंत्री पद का ऑफर दिया गया.
#WATCH पटना: जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक सुधांशु शेखर ने एक प्राथमिकी दर्ज़ कर दावा किया कि उन्हें विश्वास मत से पहले राजद के नेतृत्व वाले ‘महागठबंधन’ में जाने के लिए पार्टी के सहयोगी द्वारा 5 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी।
उन्होंने कहा, “मैंने FIR में सारी जानकारी दे दी है।… pic.twitter.com/qrWyOnPKwD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 14, 2024
क्या बोले डीएसपी?
सुधांशु शेखर, मधुबनी जिले के हरलाखी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं. पटना के डीएसपी (कानून व्यवस्था) कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि सुधांशु शेखर से कोतवाली पुलिस स्टेशन में अपनी ही पार्टी के विधायक संजीव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया है. यह मामला भरतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.
शिकायत में क्या है?
जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने कहा कि पार्टी के विधायक संजीव कुमार ने एनडीए के खिलाफ माहौल बनाने के लिए मदद करने को कहा था. इसके साथ ही बड़ी रकम और मंत्री पद के लिए ऑफर किया गया था. इसके अलावा उन्होंने विधायक संजीव कुमार पर आरोप लगाया है कि उन्हें दो अन्य विधायकों को भी विश्वास में लेने से रोकने के लिए ‘अपहरण’ की कोशिश की गई.
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