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जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर पीएम मोदी ने व्यक्त किया शोक, बोले- देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करेगा उनका योगदान

जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज का रविवार को निधन हो गया. आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर पीएम मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

Acharya Vidyasagar Maharaj

आचार्य विद्यासागर महाराज से आशीर्वाद लेते पीएम मोदी (फाइल फोटो)

जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज का रविवार को निधन हो गया. आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर पीएम मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी के अलावा तमाम नेताओं ने आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर शोक जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने सोशल मीडया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि आचार्य विद्यासागर महाराज को आने वाली कई पीढ़ियां उनके अमूल्य योगदान के लिए याद रखेंगी.

पीएम मोदी ने व्यक्त किया शोक

पीएम मोदी ने लिखा, “आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे. वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे. यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा. पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी. तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था. समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा.”

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जेपी नड्डा ने अर्पित की श्रद्धांजलि

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि “परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के ब्रह्मलीन होने का समाचार प्राप्त कर स्तब्ध हूं. जैन धर्म की अमूल्य आध्यात्मिक विरासत को उन्होंने नए आयाम प्रदान किए हैं. ज्ञान, करुणा व सद्भावना से परिपूर्ण उनकी शिक्षाएं सदैव हमें समाज और संस्कृति के उत्कर्ष के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती रहेंगी. समाधिस्थ आचार्य श्री के चरणों में कोटिशः नमन करता हूँ.”

ढाई बजे आचार्य ने समाधि ली

बता दें कि विद्यासागर महाराज ने मौन व्रत धारण कर रखा था. रविवार की देर रात करीब ढाई बजे आचार्य ने समाधि ली. उन्होंने डोंगरगढ़ में अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर मिलते ही जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई. आचार्य विद्यासागर महाराज ने तीन दिन पहले ही आचार्य पद को त्याद दिया था. इसके बाद उन्होंने मौन धारण कर लिया था.

-भारत एक्सप्रेस



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