म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर.
S Jaishankar on Russian Oil Import: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि हम अगर रूस से तेल खरीद रहे हैं तो क्या समस्या है? मेरे अनुसार यह किसी के लिए यह समस्या नहीं होना चाहिए. जयशंकर का जवाब सुनकर मंच पर मौजूद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबाॅक भी हंसने लगे. बता दें कि पैनल में चर्चा के दौरान ये दोनों भी मौजूद थे.
विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बावजूद से रूस से तेल खरीद पर कहा कि यह दूसरे देशों के लिए चिंता का विषय नहीं होना चाहिए. बता दें कि शनिवार को विदेश मंत्री जयशंकर जर्मनी के म्यूनिख में थे. यहां वे सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आए हुए थे.
बताया भारत रूस से तेल क्यों खरीदता है?
जयशंकर ने आगे कहा कि आज वैश्वीकरण के इस युग में हर कोई देश आपस में जुड़ा हुआ है. उन्होंने तर्क के साथ जवाब देेते हुए कहा कि भारत जितना तेल रूस से खरीदता है उतना यूरोप आधे दिन में आयात कर लेता है. उन्होंने कहा कि हमने हमारी नीतियों में बदलाव करके वैश्विक तेल की कीमतों में वृद्धि के भारत पर पड़ने वाले प्रभाव को रोका है. इसके साथ ही जयशंकर ने रूस-यूके्रन संघर्ष पर भी अपनी स्थिति प्रकट की.
दोनों देशों के बीच कुटनीति के जरिए बातचीत हो
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर बात करते हुए भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि हम पहले भी कह चुके हैं कि दोनों देशों को कुटनीति बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाना चाहिए. हम कभी भी युद्ध के पक्षधर नहीं रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत के रूस और अमेरिका के साथ रिश्ते कभी भी एक जैसे नहीं रहे हैं. हम बिना भावनाओं के लेन-देन करने वाले नहीं हैं.
नई दिल्ली नाॅन-वेस्ट है
विदेश मंत्री ने यूरोप के साथ रिश्तों को लेकर कहा कि नई दिल्ली नाॅन-वेस्ट है लेकिन पश्चिमी देशों के साथ गहराई से जुड़ा है. आज का भारत गैर पश्चिमी जरूर है लेकिन उसके पश्चिमी देशों के साथ बहुत ही महत्वपूर्ण संबंध है. जो लगातार बेहतर हो रहा है.
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