डीएमके ने सीएए के विरोध में सुप्रीम कोर्ट मे हलफनाम दाखिल किया है. DMK ने CAA को मनमाना बताया क्योंकि इसमें उन तमिलों को शामिल नहीं किया गया है जिनका श्रीलंका में उत्पीड़न हुआ था. डीएमके ने कहा है कि ये विवादित अधिनियम मनमाना है क्योंकि यह सिर्फ तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से संबंधित है और केवल छह धर्मों अर्थात हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों तक सीमित है. इस्लाम को इससे बाहर रखा गया है. इसके अलावा, धार्मिक अल्पसंख्यकों पर विचार करते हुए भी यह भारतीय मूल के ऐसे तमिलों को बाहर रखता है जो वर्तमान में उत्पीड़न के कारण श्रीलंका से भागकर भारत में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं.