जेट एयरवेज
नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज (Jet Airways) के ऋणदाताओं द्वारा NCLAT के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइन को जालान कलरॉक कंसोर्टियम को सौपने के NCLAT के फैसले को रद्द कर दिया है, साथ ही कोर्ट ने अपनी असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए एयरलाइन को बेचने का आदेश दिया है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने यह फैसला दिया है. एसबीआई और अन्य ऋणदाताओं की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भुगतान बाकी पहली किस्त के लिए 150 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस बैंक गारंटी का एडजस्टमेंट की इजाजत देने वाला NCLAT का आदेश कोर्ट के आदेश का घोर उल्लंघन था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीबीजी के एडजस्टमेंट की इजाजत नही दी जा सकती थी, क्योंकि ये रिजोल्यूशन प्लान का उल्लंघन था.
कोर्ट ने कहा कि इस पहलू को लेकर योजना पहले से ही स्पष्ट है. NCLAT ने जेट एयरवेज के समाधान योजना को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जलान कलरॉक कंसोर्टियम को स्थानांतरित करने की मंजूरी दी थी. जस्टिस जे बी पारदीवाला ने NCLAT के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य कर्जदारों की याचिका को स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित मे है.
-भारत एक्सप्रेस