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क्या अबकी बार कांग्रेस पार्टी बचा पाएगी अपना अस्तित्व? 200 से अधिक सीटों पर भाजपा से सीधी टक्कर

Lok Sabha Elections 2024: इस बार लोक सभा चुनाव में 543 में से 200 लोक सभा सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस का सीधा मुकाबला है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस सीटों के मामले में सैकड़ा पार पर पाती है या नहीं.

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मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस.

Lok Sabha Elections 2024: लोक सभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. इस बार भी सात चरणों में लोक सभा चुनाव19 अप्रैल से 1 जून तक चुनाव होंगे. जबकि, मतों की गिनती 4 जून को की जाएगी. इस बार का लोक सभा चुनाव देश की सबसे पुरानी पार्टी और मौजूदा समय में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के लिए करो या मरो जैसी स्थिति से कम नहीं है. साल 2014 से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी सिर्फ दहाई आंकड़ों में सिमट कर रह गई है. ऐसे में आगामी लोक सभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को लेकर सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस बार यह पार्टी अपने दम पर दहाई से सैकड़ा तक पहुंच पाएगी? साथ ही क्या कांग्रेस का अस्तित्व बचा रह पाएगा?

अबकी बार 543 में से 200 सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस का सीधा मुकाबला

इस वक्त देश में 543 में से 200 लोक सभा सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस का सीधा मुकाबला है. जिसमें से असम, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, गुजरात और हरियाणा प्रमुख है. वहीं, अगर दक्षिण भारत को छोड़ दिया जाए तो पूर्वोत्तर और उत्तर में कांग्रेस पार्टी बेहद कमजोर हुई है. इन जगहों पर कांग्रेस पार्टी सिर्फ कंकालनुमा बची है. जबकि दूसरी ओर इन राज्यों में बीजेपी का विजयी रथ निर्बाध गति से चल रहा है. हालांकि, दक्षिण भारत में कांग्रेस अब भी मजबूत स्थिति में है. दक्षिण के दो राज्यों कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है. वहीं, केरल में वह प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका में है.

उत्तर में क्षेत्रीय दलों के सहारे है कांग्रेस

कांग्रेस, तमिलनाडु में डीएमके के साथ गठबंधन की सरकार में शामिल है. वहीं, उत्तर भारत में कांग्रेस की स्थित अच्छी नहीं है. उत्तर में कांग्रेस, अधिकतर राज्यों में गठबंधन (क्षेत्रीय दलों के साथ) के सहारे है. बिहार, झारखंड, यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में कांग्रेस पार्टी क्षेत्रीय दलों के सहारे रेंग रही है. मगर, जहां गठबंधन में कांग्रेस को अधिक सीटें दी गईं, वहां बीजेपी को फायदा हुआ. ऐसे में अगर इस बार लोक सभा चुनाव में भी कांग्रेस अपनी स्थिति को मजबूत नहीं करती है, तो उसके अस्तित्व पर गंभीर संकट आ सकता है.

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