यूपी पेपर लीक खुलासा.
Up Paper Leak: उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती और आरओ-एआरओ पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में यह बात सामने आई है कि दोनों ही परीक्षाओं के पेपर लीक होने से पहले सैकड़ों अभ्यर्थियों से 80 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी थी. इतना ही नहीं, इस मामले में कम समय में ही रुपयों का बंटवारा भी कर लिया गया. बता दें कि सिपाही भर्ती परीक्षा में तकरीबन 70 करोड़, जबकि आरओ-एआरओ का पेपर लीक कराने के लिए 10 करोड़ रुपये वसूले गए थे. इस मामले में आरोपी राजीव नयन मिश्र और शुभम मंडल के अलावा कई अन्य लोगों की भूमिका अहम मानी जा रही है.
हरियाणा के रिसार्ट में मुहैया कराया गया था अभ्यर्थियों को पेपर
एसटीएफ ने सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में तीन मुख्य आरोपियों को बीते गुरुवार को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था. जिन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया उसमें रोहित पांडेय, अभिषेक कुमार और शिवम गिरी का नाम शामिल है. इसके अलावा इसी दिन एसटीएफ की दूसरी टीम ने स्कूल मैनेजर (सौरभ शुक्ला) और बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं, दूसरे दिन पेपर लीक मामले में गिरोह के दूसरे सदस्य डॉ. शुभम मंडल को पकड़ा गया. जिसके बाद खुलासा हुआ कि हरियाणा के एक रिजार्ट में पहले से मौजूद 1000 अभ्यर्थियों को पेपर मुहैया कराया गया. जहां सात-सात लाख रुपये अभ्यर्थियों से वसूली कर ली गई थी.
रोज हो रहे हैं नए-नए खुलासे
एससटीएफ की सूत्रों की मानें तो पेपर लीक मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. पर्चा लीक गिरोह ने कई शहरों एजेन्ट बना लिए थे. जिसको छोटे शहरों से अभ्यर्थियों के संपर्क करने के लिए कहा गया था. सूत्रों के मुताबिक, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, प्रतापगढ़ और सीतापुर समेत कई जिलों से कई एजेंटों को इस जाल में फंसा लिया गया था. जिनसे 7 से 10 लाख रुपये की वसूली कर ली गई थी. वसूली की रकम को पहले लखनऊ पहुंचाया गया फिर सौरभ शुक्ला और अरुण सिंह तक पहुंचाई गई.
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