सांकेतिक तस्वीर
उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी करप्शन टीम ने लखनऊ के उप आयुक्त (वाणिज्यकर) धनेन्द्र कुमार पांडेय को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. उप आयु्क्त जीएसटी रिफंड पास करने के एवज में दो लाख रुपये की रिश्वत ले रहे थे. लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. सतर्कता अधिष्ठान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी कर रही कार्रवाई
एंटी करप्शन की लखनऊ यूनिट के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉक्टर अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि एंटी करप्शन भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के तहत पूरे राज्य में लोक सेवकों के खिलाफ जाल बिछाकर कार्यवाही कर रहा है.
उन्होंने बताया कि इसके लिए रिश्वत रोधी हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है और इस नंबर पर एक एक्सपोर्ट कंपनी के प्रतिनिधि ने फोन करके बताया कि वाणिज्य कर के उप आयुक्त ने उनकी कंपनी के जीएसटी रिफंड पास करने के एवज में दो लाख रुपये रिश्वत मांगी है.
जीएसटी रिफंड का दावा कर लिया था रिश्वत
एसपी के मुताबिक कंपनी ने करीब 20 लाख रुपये जीएसटी रिफंड का दावा किया था. यह रिफंड यहां वाणिज्यकर कार्यालय मीराबाई मार्ग (लखनऊ) में तैनात उपायुक्त (जीएसटी) जोन धनेन्द्र कुमार पांडेय द्वारा स्वीकृत किया जाना था.
धनेन्द्र कुमार पांडेय ने कंपनी प्रतिनिधि से दो लाख रुपये रिश्वत की मांगी थी. एसपी ने बताया कि कंपनी प्रतिनिधि ने यह सूचना सतर्कता मुख्यालय को दी और इसके बाद टीम गठित करते विधिक प्रक्रिया पूरी करते हुए मंगलवार शाम करीब चार बजे वाणिज्य कर कार्यालय पर छापा मारकर धनेन्द्र कुमार पांडेय को दो लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया.
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डॉक्टर चतुर्वेदी ने बताया कि आरोपी वाणिज्य कर उपायुक्त के खिलाफ विजिलेंस थाना लखनऊ सेक्टर में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की संबंधित धारा में प्राथमिकी दर्ज की गयी. उन्होंने कहा कि मामले में अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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