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विशेषज्ञों ने H5N1 Bird Flu वायरस के खतरे के प्रति आगाह किया, बोले- ‘कोविड महामारी से 100 गुना बदतर हो सकता है’

ब्रिटेन से प्रकाशित डेली मेल ने अपनी एक रिपोर्ट में जानकारी दी है कि विशेषज्ञों ने Bird Flu महामारी के संभावित तेजी से फैलने पर चिंता जताई है, जिससे असाधारण रूप से उच्च मृत्यु दर हो सकती है.

H5n1 bird flu

H5N1 bird flu: कोरोना महामारी का रफ्तार अब लगभग थम गई है, हालांकि दुनिया पूरी तरह से इससे उबर नहीं पाई है कि एक और महामारी के खतरे के प्रति वैज्ञानिकों ने आगाह किया है. यूके (ब्रिटेन) से प्रकाशित टेबलॉइड डेली मेल ने अपनी एक रिपोर्ट में जानकारी दी है कि विशेषज्ञों ने बर्ड फ्लू महामारी के संभावित तेजी से फैलने पर चिंता जताई है, जिससे असाधारण रूप से उच्च मृत्यु दर हो सकती है और यह ‘कोविड महामारी से 100 गुना बदतर’ हो सकती है.

रिपोर्ट में उन विशेषज्ञों का हवाला दिया गया है, जिन्होंने एक नई महामारी के खतरे पर चिंता जताई है, जहां शोधकर्ताओं ने बर्ड फ्लू के H5N1 तनाव पर चर्चा की थी. वैज्ञानिकों ने कहा कि वायरस गंभीर सीमा के करीब पहुंच रहा है और इसमें वैश्विक महामारी पैदा करने की क्षमता है.

प्रमुख शोधकर्ताओं ने क्या कहा

पिट्सबर्ग में एक प्रमुख बर्ड फ्लू शोधकर्ता डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी ने ब्रीफिंग के दौरान चेतावनी दी कि H5N1 फ्लू मनुष्यों सहित स्तनधारियों (Mammals) की एक विस्तृत श्रृंखला को संक्रमित करने की क्षमता के कारण महामारी का कारण बन सकता है. उन्होंने कहा, हम खतरनाक रूप से इस वायरस के करीब पहुंच रहे हैं, जो संभावित रूप से एक महामारी का कारण बन सकता है.’

उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसे वायरस के बारे में बात कर रहे हैं जो विश्व स्तर पर मौजूद है, पहले से ही कई स्तनधारियों को संक्रमित कर रहा है और फैल रहा है. यह वास्तव में सही समय है कि हम तैयार हों.’

एक अन्य विशेषज्ञ जॉन फुल्टन ने इस बात पर जोर दिया कि संभावित H5N1 महामारी बेहद गंभीर हो सकती है, जो इसे कोविड-19 महामारी से कहीं अधिक घातक बना सकती है. फुल्टन ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि यह कोविड से 100 गुना अधिक खराब है, या यह तब हो सकता है जब यह उत्परिवर्तित (Mutates) हो और अपनी उच्च मृत्यु दर को बनाए रखे. एक बार जब यह मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए उत्परिवर्तित हो जाता है, तो हम केवल यह उम्मीद कर सकते हैं कि (मृत्यु दर) कम हो जाए.’

क्या कहते हैं WHO के आंकड़े

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2003 के बाद से H5N1 वायरस से संक्रमित हर 100 रोगियों में से 52 की मौत हुई है, जिससे इसकी मृत्यु दर 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है. इस बीच वर्तमान कोविड मृत्यु दर 0.1 प्रतिशत है, जो महामारी की शुरुआत से 20 प्रतिशत कम हो गई है. बर्ड फ्लू वायरस के कुल 887 मामलों में से 462 मौतें दर्ज की गईं.

डेली मेल की रिपोर्ट मिशिगन में एक पोल्ट्री फॉर्म और टेक्सास में एक अंडा उत्पादक में एवियन फ्लू के प्रकोप की सूचना मिलने के तुरंत बाद आई थी. डेयरी गायों के बर्ड फ्लू से संक्रमित होने की रिपोर्ट भी सामने आई हैं और किसी स्तनपायी से मानव में वायरस आने का पहला डॉक्यूमेंटेड मामला भी सामने आया है.


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WHO के अनुसार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के रिकॉर्ड के अनुसार, जनवरी 2003 से इस साल फरवरी के बीच एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा से मानव संक्रमण के 887 मामलों में से 462 मामले घातक थे .ईएफएसए ने कहा कि जंगली स्तनधारी जंगली पक्षियों, घरेलू जानवरों और मनुष्यों के बीच सेतु मेजबान के रूप में कार्य कर सकते हैं. इसमें कहा गया है कि पालतू जानवर,जैसे घरों में रहने वाले जानवरों से ये फैल सकता है.

क्या है H5N1 फ्लू

एवियन (पक्षी) इन्फ्लूएंजा (फ्लू) या बर्ड फ्लू, Type A वायरस के संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी को संदर्भित करता है. ये वायरस स्वाभाविक रूप से दुनिया भर में जंगली जलीय पक्षियों में फैलते हैं और घरेलू पोल्ट्री और अन्य पक्षी और पशु प्रजातियों को संक्रमित कर सकते हैं. बर्ड फ्लू के वायरस आम तौर पर इंसानों को संक्रमित नहीं करते हैं. हालांकि, इंसान में भी छिटपुट तरीके से इस वायरस का संक्रमण हुआ है.

यह वायरस संक्रमित पक्षियों से सीधे संपर्क के साथ-साथ दूषित सतहों या वातावरण के माध्यम से फैलता है. मनुष्यों में H5N1 फ्लू गंभीर सांस लेने की बीमारी का प्रमुख कारण बन सकता है, जिसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, निमोनिया और सांस संबंधी दिक्कतें शामिल हैं. मनुष्यों में H5N1 संक्रमण से मृत्यु दर अपेक्षाकृत अधिक है, जिससे यह वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन गया है.

बचाव के लिए क्या करें

  • बीमार या मृत पक्षियों और उनकी बीट के संपर्क से बचें.
  • पोल्ट्री उत्पादों को अच्छी तरह से पकाकर खाएं.
  • साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं.
  • बीमार या मृत पक्षियों को छूते समय व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण पहनें.
  • हाथों को धोए बिना नाक, आंख और मुंह न छुएं.
  • खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढककर स्वच्छता का पालन करें.
  • अगर वायरस के संभावित संपर्क के बाद सांस संबंधी बीमारी का अनुभव हो तो डॉक्टर को दिखाएं.

-भारत एक्सप्रेस



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