मैरी कॉम
महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम ने पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय दल के शेफ-डी-मिशन के पद से इस्तीफा दे दिया है. भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि उचित परामर्श के बाद उनकी जगह किसी का नाम रखा जाएगा. पीटी उषा ने मैरी कॉम के एक पत्र की प्राप्ति की पुष्टि की, जिसमें उनके पद से मुक्त होने की मांग की गई थी. बता दें कि इस साल ओलंपिक खेलों का आयोजन 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होगा. मैरी कॉम ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपना त्यागपत्र दिया है.
मैरी कॉम ने कही यह बात
मैरी कॉम के त्याग पत्र देने पर पीटी उषा ने कहा कि “हमें दुख है कि ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज और आईओए एथलीट आयोग की अध्यक्ष मैरी कॉम ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया है. हम उनके फैसले और उनकी गोपनीयता का सम्मान करते हैं. उषा ने कहा कि पत्र मिलने पर उन्होंने मैरी कॉम से बातचीत की. उन्होंने कहा , “मैं उनके अनुरोध को पूरी तरह से समझती हूं और उनके फैसले का सम्मान करती हूं. मैंने उन्हें यह भी बताया है कि उन्हें हमेशा मेरा और आईओए का समर्थन मिलेगा. मैं सभी से महान मुक्केबाज की गोपनीयता का सम्मान करने का भी अनुरोध करती हूं.”
विश्वास जताने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ की आभारी
आईओए अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में , मैरी कॉम ने कहा कि वह पेरिस 2024 में शेफ डी मिशन के रूप में सेवा करने के लिए उन पर विश्वास जताने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ की आभारी हैं. उन्होंने कहा कि “मैं हर संभव तरीके से अपने देश की सेवा करना सम्मान की बात मानती हूं और मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार थी. हालांकि, मुझे खेद है कि मैं इस प्रतिष्ठित जिम्मेदारी को निभाने में सक्षम नहीं हो पाऊंगी और व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देना चाहूंगी, जो कि मैं शायद ही कभी करती, मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा है. मैं बड़ी उम्मीदों के साथ अपने देश और इस ओलंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा करने वाले एथलीटों का उत्साह बढ़ाने के लिए वहां मौजूद हूं.”
मैरी कॉम के नाम कई रिकार्ड
मैरी कॉम को पिछले महीने शेफ-डी-मिशन के रूप में नामित किया गया था और शीर्ष टेबल टेनिस खिलाड़ी शरथ कमल को पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए भारतीय टीम के ध्वजवाहक के रूप में नामित किया गया था. मैरी कॉम मुक्केबाजी इतिहास में छह विश्व खिताब पर कब्जा करने वाली पहली महिला मुक्केबाज हैं. पांच बार की एशियाई चैंपियन 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला मुक्केबाज थीं.
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