Bharat Express

Pakistan: पाकिस्तान में फिर सिखों पर जुल्म, गुरुद्वारा को मस्जिद बताकर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जड़ दिया ताला

Lahore: पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने देश में सिखों के ऊपर जुल्म किया है. लाहौर स्थित गुरुद्वारा शहीद गंज भाई तारु सिंह पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने ताला जड़ दिया है. रिपोर्ट के मुताबकि पाकिस्तान की ईटीपीबी ने मुस्लिम कट्टरपंथियों के साथ मिलकर गुरुद्वारा साहिब को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया है.

gurudwara shaheed ganj bhai taru singh

गुरुद्वारा शहीद गंज भाई तारु सिंह (फोटो- ट्विटर)

Pakistan: पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने देश में सिखों के ऊपर जुल्म किया है. पाकिस्तान में लगातर सिखों पर अत्याचार की खबरें आती है. अभी हाल ही के मामले में लाहौर स्थित गुरुद्वारा शहीद गंज भाई तारु सिंह पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने ताला जड़ दिया है. रिपोर्ट के मुताबकि पाकिस्तान की ईटीपीबी ने मुस्लिम कट्टरपंथियों के साथ मिलकर गुरुद्वारा साहिब को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया है.

दरअसल, गुरुद्वारा शहीद गंज को कट्टरपंथी मुस्लिम मस्जिद बताते है. इसलिए उन्होंने इस पर ताला जड़ दिया है. गुरुद्वारे पर ताला लगाने के बाद स्थानीय सिख समुदाय में खासी नाराजगी है.

दो साल पहले भी हुई ऐसी ही घटना

पाकिस्तान में सिखों पर जुल्म की ये घटना पहली बार नहीं इससे पहले कई बार सिखों पर अत्याचार होता रहा है. करीब दो साल पहले भी एक ऐतिहासिक गुरुद्वारे को मस्जिद बताया गया था. जिसके बाद भारत ने इसका कड़ा विराध जताया था. भारत ने विरोध करते हुए कहा था कि गुरुद्वारा श्रद्धा का स्थान है और सिख समुदाय इसे पवित्र मानता है. इसके अलावा भारत ने इस मामले पर कड़ी चिंता व्यक्त की थी.

वहीं, पाकिस्तान की एजेंसी डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक लाहौर के शहीद गंज भाई तारु सिंह गुरुद्वारा को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. यहां हर दिन गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है. गुरुद्वारा शहीद गंज में गतिविधियां होती रहती हैं. इसमें सिख समुदाय के लोग शामिल होते हैं.

ये भी पढ़ें- Shraddha Murder Case: ‘…तो आफताब श्रद्धा के 35 टुकड़े नहीं, श्रद्धा ऐसे दरिंदे के 75 टुकड़े कर डालती’- बोलीं साध्वी प्राची

क्या है विवाद ?

बता दें कि ये गुरुद्वारा शहीद गंज नालौखा क्षेत्र में लाहौर की चारदीवारी से थोड़ा बाहर स्थित है. कट्टरपंथियों मुस्लिमों का कहना है कि ये कभी दारा शिकोह का प्रसिद्ध महल था. दारा शिकोह ने अपने छोटे भाई औरंगज़ेब के हाथों अपनी हत्या से पहले लाहौर के गवर्नर के रूप में कार्य किया था.

वहीं रिपोर्ट के मुताबिक सिखों का दावा है कि मीर मन्नू ने दीवान कौरा मल के कहने पर उसकी मदद के लिए सहमत होने के बाद यहां एक गुरुद्वारा स्थापित करने की अनुमति दी थी, जिसके बाद मीर मन्नू द्वारा मुल्तान का प्रभार दिया गया था. हालांकि, कट्टरपंथियों का कहना है कि सिखों ने जबरन मस्जिद पर कब्जा कर लिया था.

– भारत एक्सप्रेस

 

 

 

 



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read