भारतीय वायुसेना
वायुसेना की ‘उड़ान शाखा’ में रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय वायु सेना को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. यह याचिका एक महिला ने दायर किया है,जो भारतीय वायुसेना में पायलट के रूप में शामिल होना चाहती है.
कोर्ट का आदेश
जस्टिस रेखा पल्ली और जस्टिस शैलिंदर कौर की पीठ ने महिला की याचिका पर अधिकारियों को नोटिस जारी कर उम्मीद जताई कि वायुसेना निष्पक्ष रूप से इस मुद्दे की जांच करेगी और इस बात पर विचार करेगी कि जब अधिसूचित रिक्तियों को पुरुष उम्मीदवारों द्वारा नहीं भरा जा सकता है, तो उड़ान कर्तव्यों के लिए उपयुक्त पाई गई महिलाओं को नियुक्त क्यों नहीं किया जा सकता है. कोर्ट 27 सितंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.
याचिकाकर्ता का दावा
याचिकाकर्ता जो भारतीय वायुसेना में पायलट के रूप में शामिल होना चाहती है, ने 17 मई, 2023 को अधिकारियों द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार इस पद के लिए आवेदन किया था. उसने कहा कि यद्यपि उड़ान शाखा में अभी भी कई रिक्तियां हैं, लेकिन उसकी उम्मीदवारी पर विचार नहीं किया जा रहा है क्योंकि महिला उम्मीदवारों के लिए निर्धारित रिक्तियां पहले ही भरी जा चुकी हैं.
अदालत की टिप्पणी
अदालत ने आदेश में कहा मामले को स्थगित करते हुए, हम आशा करते हैं कि भारतीय वायुसेना में सर्वोच्च अधिकारी इस पहलू की निष्पक्ष तरीके से जांच करेंगे और इस बात पर विचार करेंगे कि उड़ान कर्तव्यों के लिए उपयुक्त पाई जाने वाली सक्षम महिलाओं को कमीशन क्यों नहीं दिया जा सकता है, जबकि अधिसूचित रिक्तियों को पुरुष उम्मीदवारों द्वारा नहीं भरा जा सकता है.
याचिकाकर्ता के वकील का तर्क
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों द्वारा जारी विज्ञापन को चुनौती नहीं दी है जिसमें उड़ान शाखा में महिला उम्मीदवारों के लिए बहुत कम प्रतिशत रिक्तियां आरक्षित थीं. हालांकि, चूंकि कुछ अधिसूचित रिक्तियां अभी भी खाली हैं, इसलिए कोई कारण नहीं है कि उन रिक्तियों को उन सक्षम महिलाओं द्वारा क्यों न भरा जाए, जिन्हें अधिकारियों द्वारा किए गए कठोर परीक्षणों के अनुसार पायलट के रूप में कमीशन दिए जाने के लिए उपयुक्त पाया गया है, ऐसा तर्क दिया गया.
-भारत एक्सप्रेस