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MCD में हार के बाद भी मेयर की ‘कुर्सी’ पर बीजेपी की नजरें, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष बोले- कुछ भी हो सकता है

MCD Mayor: बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि इंतजार कीजिए. बीजेपी को जीत मिलेगी. मेयर बीजेपी का ही बनेगा. नतीजे आने दीजिए. वो आगे कहते है कि जब दिल्ली में मेयर का चुनाव होगा तो उसमें कुछ भी हो सकता है.

Adesh Gupta

दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता (फोटो ट्विटर)

MCD Mayor : दिल्ली MCD चुनाव में आम आदमी पार्टी के बहुमत के आंकड़े को पार करने के बाद अब बीजेपी और आप के बीच मेयर के चुनाव को लेकर जंग शुरु हो गई है. दोनों ही पार्टियों अब अपने-अपने मेयर बनाने को लेकर दावा कर रही हैं. ऐसे में बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि इंतजार कीजिए. बीजेपी को जीत मिलेगी. मेयर बीजेपी का ही बनेगा. नतीजे आने दीजिए. वहीं आम आदमी पार्टी के तरफ से संजय सिंह ने दावा किया गया कि मेयर उनकी ही पार्टी का बनेगा.

बीजेपी अध्यक्ष ने क्या कहा

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एक इंटरव्यू में बात करते हुए कहा कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि आप के दो बड़े नेता सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के खिलाफ जनता ने जवाब दिया है. इन दोनों ने बड़े-बड़े भ्रष्टाचार किए है. वो आगे कहते है कि जब दिल्ली में मेयर का चुनाव होगा तो उसमें कुछ भी हो सकता है. उनके इंटरव्यू के बाद ये अनुमान लगाया जा रहा है कि बहुत सारे पार्षद कांग्रेस और आप से टूटकर बीजेपी में जा सकते हैं.

पार्षद के चुनाव में दल-बदल कानून लागू नहीं होता

पार्षद चुनाव में दल-बदल का कानून लागू नहीं होता है. एमसीडी चुनाव में AAP बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है. लेकिन उसके बाद भी बीजेपी अपना मेयर बनाने का दावा कर रही है, इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है कि पार्षदों के ऊपर दलबदल का कानून लागू नहीं होता है. बीजेपी के इस दावे से यह संकेत मिल रहा है कि मेयर के चुनाव के समय क्रॉस वोटिंग हो सकती है और कई सारे पार्षद टूट कर इधर-उधर जा सकते हैं.

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क्या कहता है रिजर्वेशन नियम

दिल्ली नगर निगम एक्ट के मुताबिक पांच साल के इस कार्यकाल में कोई भी पार्षद मेयर नहीं बन सकता है. इसके लिए रिजर्वेशन नियम का पालन करना पड़ेगा. नियमों के तहत पहला साल महिला पार्षद ही मेयर बन सकेगी जबकि तीसरा साल अनुसूचित जाति का कोई पार्षद ही इस के लिए दावेदारी कर सकता है. इसके अलावा बचे हुए 3 साल में कोई भी सांसद इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकता है.

– भारत एक्सप्रेस

 

 



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