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सीता माता मंदिर के अभिषेक समारोह के लिए भारत ने श्रीलंका को पवित्र सरयू जल भेजा

श्रीलंका में बन रहे विशाल सीता माता मंदिर में 19 मई को मां जानकी की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसके लिए श्रीलंका ने उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या की पवित्र सरयू नदी के जल की मांग के लिये अनुरोध ​किया था.

Saryu river ayodhya

Saryu river ayodhya

भारत ने देवी सीता को समर्पित सीता अम्मा मंदिर के अभिषेक समारोह के लिए सरयू नदी से पवित्र जल श्रीलंका भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह समारोह 19 मई को होने वाला है,जो मंदिर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका के प्रतिनिधियों द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार से धार्मिक समारोहों और मंदिर में देवी सीता की मूर्ति के अभिषेक के लिए पवित्र सरयू नदी के पानी की मांग के अनुरोध के बाद,पवित्र जल भेजने का निर्णय लिया गया.

उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए, पर्यटन विभाग को शुभ अवसर के लिए पवित्र जल को श्रीलंका तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.राम मंदिर ट्रस्ट ने सरयू नदी का पानी श्रीलंका भेजने से भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों और सांस्कृतिक संबंधों को बढावा मिलेगा. श्रीलंका सरकार नें भारत के इस कदम की सराहना की है.

इससे दोनों देशों के संबंध मजबूत होगा

अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने कहा, ‘श्रीलंका में सीता अम्मा मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. मंदिर के प्रतिनिधि ने यूपी सरकार से सरयू नदी का पानी मांगा है. हम पवित्र जल उपलब्ध कराएंगे.’ कलश.अनुष्ठान 19 मई को होगा. सीता अम्मा मंदिर में आगामी समारोह हमारे लिये महत्वपूर्ण अर्थ भी रखता है. सीता अम्मा मंदिर में समारोह का उद्देश्य दोनों देशों के दिलों को एकजुट करना है, जो भारत और श्रीलंका के बीच आध्यात्मिक और सांस्कृतिक बंधन का प्रतीक है.

मंदिर के मंहत ने कहा

महंत शशिकांत दास ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “श्रीलंका में सीता अम्मा मंदिर सभी ‘सनातनियों’ के लिए गर्व का विषय होगा.यह सभी सनातनियों के लिए गर्व की बात है. देवी सीता ने कई कठिनाइयों का सामना किया है.” लंका में कठिनाइयाँ और आज उसी लंका में एक भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है.”

-भारत एक्सप्रेस

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