Hybrid Pitch
भारत की पहली ‘हाईब्रिड पिच’ का सोमवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) स्टेडियम में भव्य समारोह में अनावरण किया गया. इस समारोह में आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल और इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर तथा एसआईएस के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट निदेशक पॉल टेलर जैसे क्रिकेट से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया.
इस अवसर पर धूमल ने कहा, ‘‘इंग्लैंड में लार्ड्स और द ओवल जैसे प्रतिष्ठित स्टेडियम में सफलता के बाद हाईब्रिड पिचों के इस्तेमाल से भारत में क्रिकेट में क्रांति आएगी.’’
हाईब्रिड पिच क्या है
हाईब्रिड पिचें, जिन्हें ‘सिलाई की हुई पिचें’ भी कहा जाता है, बढ़िया घास और पौधों की जड़ों से बनी हुई क्रिकेट पिचें हैं. इनमें प्लास्टिक के फ़ाइबर होते हैं, जो आमतौर पर हरे रंग के होते हैं, इन्हें 20 मिमी x 20 मिमी ग्रिड के नियमित पैटर्न में 90 मिमी की गहराई तक सिला जाता है.
प्राकृतिक टर्फ और कृत्रिम फाइबर से बनने वाली हाईब्रिड पिच अधिक टिकाऊ होती है. इससे मैदानकर्मियों पर पिच को तैयार करने में कम दबाव होता है और साथ ही खेलने की परिस्थितियों के स्तर को बरकरार करने में भी अधिक समस्या नहीं होती. पिच में सिर्फ पांच प्रतिशत कृत्रित फाइबर होता है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि क्रिकेट के लिए जरूरी प्राकृतिक विशेषताओं को बचाया जा सके. टेलर ने इस प्रतिष्ठित परियोजना में साझेदारी के लिए एचपीसीए का आभार जताया.
नीदरलैंड के एसआईएसग्रास द्वारा विकसित
हाईब्रिड सतह को स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण घटक ‘यूनिवर्सल मशीन’ है जिसे 2017 में नीदरलैंड के एसआईएसग्रास द्वारा विकसित किया गया था और इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट मैदानों में समान पिचें बनाने में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
आईसीसी ने टी20 और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में हाईब्रिड पिचों के इस्तेमाल को स्वीकृति दी है और योजना है कि इस साल से इनका इस्तेमाल चार दिवसीय काउंटी चैंपियनशिप में किया जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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