(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Tajikistan: ये तो सभी जानते हैं कि जिस भी देश में मुस्लिम आबादी है या इस्लाम को मानने वाले लोग हैं, वहां पर अधिकांश मर्द दाढ़ी रखते हैं और महिलाएं हिजाब पहनती हैं. माना जाता है कि ये इस्लाम से जुड़े नियम के तहत आता है, लेकिन दुनिया में एक ऐसा मुस्लिम देश भी है, जहां पर हिजाब पहनना या दाढ़ी रखने पर पूरी तरह से बैन लगा है. यहां तक कि इस्लामिक किताबों पर भी रोक है.
गौरतलब है कि इस देश का नाम ताजिकिस्तान है, जिसका इतिहास समृद्ध है और यहां करीब तीन दशकों से राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन का शासन है. यहां की आबादी में सबसे अधिक मुस्लिम हैं. अगर आंकड़ों को देखें तो करीब 96 प्रतिशत से अधिक आबादी मुस्लिम की है. फिर भी यह संवैधानिक रूप से धर्मनिरपेक्ष है और धर्म की स्वतंत्रता यहां के संविधान में है. ताजिकिस्तान की सीमा अफगानिस्तान से भी लगती है. रिपोर्ट के मुताबिक ताजिकिस्तान सरकार इस्लामिक कट्टरपंथ को रोकने के लिए ऐसा करती है और अपनी नीतियों को जरूरी बताती है.
सरकार तय करती है कितने लोग शामिल होंगे समारोह में
साल 2015 में द डिप्लोमैट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार यहां पर नियम है कि 18 साल से कम उम्र की युवतियां हिजाब नहीं पहनेंगी. तो वहीं 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कानून है कि वे अंत्येष्टि के अलावा अन्य सार्वजनिक धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेंगे. इसके अलावा यहां पर कानून तय करता है कि समारोह में कितने लोग हिस्सा लेंगे. यानी कानून यहां पर निजी कार्यक्रमों जैसे शादी या अंतिम संस्कार आदि के लिए दिशा-निर्देश जारी करता है और उसी के अनुसार कार्य करना होता है.
यहां इस्लामिक किताबें भी हैं बैन
अमेरिका की इंटरनेशनल धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2024 की मानें तो सरकार की इजाजत के बगैर यहां पर बिना धार्मिक सामग्री का आयात नहीं किया जा सकता. रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2022 में दुशानबे में इस्लामिक किताबों की दुकानों को जबरदस्ती बंद करवा दिया गया था लेकिन 2023 में इसे फिर से खोल को दिया गया लेकिन इस्लामी किताबें को बेचने पर रोक लगा दी गई. अमेरिकी रिपोर्ट में ये बात भी आई है कि राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन का शासन अपनी दमनकारी नीतियों को बनाए रखे है. यहां पर शादी और अंत्येष्टि भोज पर प्रतिबंध तो है ही साथ ही दाढ़ी रखने और हिजाब पर भी प्रतिबंध है.
-भारत एक्सप्रेस
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