अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू. (फोटो: फेसबुक)
भाजपा विधायक दल का नेता चुने गए पेमा खांडू ने गुरुवार (13 जून) को लगातार तीसरी बार अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त), केटी परनाइक ने ईटानगर के दोरजी खांडू कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री पेमा खांडू व उपमुख्यमंत्री चौना मीन और 10 अन्य कैबिनेट मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
इन्होंने ली मंत्री पद की शपथ
शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में बियुराम वाहगे, न्यातो दुकम, गेब्रियल डेनवांग वांगसू, वांगकी लोवांग, पासंग दोरजी सोना, मामा नटुंग, दासंगलू पुल, बालो राजा, केंटो जिनी और ओजिंग तासिंग शामिल हैं. बियुराम वाहगे राज्य भाजपा अध्यक्ष हैं, जबकि दासंगलु पुल मुख्यमंत्री खांडू की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में एकमात्र महिला मंत्री हैं.
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और कई अन्य गण्यमान्य व्यक्ति शामिल हुए.
इससे पहले बुधवार (12 जून) की एक बैठक में पेमा खांडू को फिर से विधायक दल का नेता चुना गया था. इस बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग और पार्टी के अरुणाचल प्रभारी अशोक सिंघल मौजूद थे.
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2 जून को आए थे नतीजे
उल्लेखनीय है कि 19 अप्रैल को लोकसभा चुनावों के साथ-साथ हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आम चुनावों के नतीजों की घोषणा से दो दिन पहले 2 जून को घोषित किए गए थे.
60 सदस्यीय अरुणाचल विधानसभा में भाजपा ने 46 सीटें हासिल कीं, जो 2019 की तुलना में पांच अधिक है. इनमें से 10 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए. इनमें मुख्यमंत्री पेमा खांडू की सीट भी शामिल है.
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा की अध्यक्षता वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने 5 सीटों पर जीत हासिल की. इसके बाद अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP ने 3, पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (PPA) ने 2, कांग्रेस ने 1 सीट पर कब्जा जमाया, जबकि 3 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीतीं. NPP, NCP और PPA ने पहले ही भाजपा सरकार को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी.
2016 में पहली बार बने थे सीएम
44 वर्षीय नेता पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा का एक प्रमुख चेहरा हैं. अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के 2011 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन के बाद उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा 2016 में शुरू की थी. अपने पिता की सीट मुक्तो से चुनाव लड़ते हुए, वे निर्विरोध चुने गए.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के बेटे मोनपा समुदाय के 45 वर्षीय नेता पेमा खांडू पहली बार 2016 में मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने नबाम तुकी की जगह ली थी. सितंबर तक उन्होंने कांग्रेस विधायकों के एक समूह को पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल होने के लिए प्रेरित किया, इसके बाद दिसंबर में वे और उनका समूह भाजपा में शामिल हो गए.
भाजपा ने 2019 के विधानसभा चुनावों में अरुणाचल प्रदेश में पहली बार चुनावी जीत दर्ज की थी. 2019 में वह मुक्तो सीट से फिर से चुने गए और मुख्यमंत्री का पद बरकरार रखा.
-भारत एक्सप्रेस
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