इटली में जी7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं के साथ खड़े भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी सामने आई है कि कैसे प्रमुख लोकतंत्रों ने कोरोना महामारी के दौरान और उसके बाद चुनावी राजनीति को संभाला. भारत एक अनूठा मामला प्रस्तुत करता है, क्योंकि यह एकमात्र प्रमुख लोकतंत्र है, जहां महामारी के बीच मौजूदा नेता और (NDA) गठबंधन को स्पष्ट जनादेश के साथ फिर से चुना गया है.
इस अवधि के दौरान अन्य प्रमुख लोकतंत्रों का प्रदर्शन कैसा रहा, इसका तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य यहां प्रस्तुत है. यह विश्लेषण ‘डीपटेक फॉर भारत’ के को-फाउंडर शशि शेखर ने अपने ट्विटर हैंडिल (X.com) पर साझा किया है.
As Prime Minister @narendramodi shares the stage with world leaders at the G7 Summit in Italy a comparative perspective on how India stands as the lone exception across Major Democracies in delivering a clear mandate to the incumbent Leader/Coalition since COVID-19.
Top…— Shashi Shekhar Vempati शशि शेखर (@shashidigital) June 14, 2024
भारत
परिणाम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार का गठबंधन स्पष्ट जनादेश के साथ फिर से निर्वाचित हुआ.
विश्लेषण: कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाला गठबंधन एक मजबूत जनादेश हासिल करने में कामयाब रहा, जो मोदी की निरंतर लोकप्रियता और उनके नेतृत्व में मतदाताओं के भरोसे को दर्शाता है.
अमेरिका
परिणाम: 2020 के चुनावों में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बाहर कर दिया गया.
वर्तमान परिदृश्य: मौजूदा राष्ट्रपति जो बिडेन जनमत सर्वेक्षणों में पीछे चल रहे हैं.
विश्लेषण: महामारी ने ट्रंप के फिर से चुनाव जीतने की कोशिश को काफी प्रभावित किया है, क्योंकि मतदाताओं ने अशांत अवधि के बीच बदलाव का विकल्प चुना है.
इंडोनेशिया
परिणाम: मौजूदा गठबंधन, पीडीआई-पी, 2024 में गेरिंड्रा उम्मीदवार से बड़े अंतर से राष्ट्रपति चुनाव हार गया.
विश्लेषण: महामारी के दौरान आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों ने मतदाताओं को नए नेतृत्व की तलाश करने के लिए प्रभावित किया.
ब्राज़ील
परिणाम: मौजूदा राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को 2022 में होने वाले उपचुनाव में बाहर कर दिया गया.
विश्लेषण: महामारी से निपटने में बोल्सोनारो का रवैया उनकी हार का एक महत्वपूर्ण कारण था, क्योंकि मतदाताओं ने लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के रूप में नए नेतृत्व को चुना.
जापान
परिणाम: मौजूदा लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) ने दो बार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बदलने के बाद 2021 में सत्ता बरकरार रखी।
विश्लेषण: LDP के रणनीतिक नेतृत्व परिवर्तनों ने अनिश्चित समय के दौरान स्थिरता और जनता का विश्वास बनाए रखने में मदद की।
फिलिपींस
परिणाम: वर्तमान उपराष्ट्रपति लेनी रोब्रेडो 2022 में राष्ट्रपति चुनाव फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर से हार गईं.
विश्लेषण: महामारी की अवधि में एक ऐसे उम्मीदवार की ओर रुझान देखा गया जो निरंतरता और परिवर्तन का वादा कर रहा था, जो मतदाताओं की स्थिरता की इच्छा को दर्शाता है.
जर्मनी
परिणाम: पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल के सत्तारूढ़ गठबंधन ने 2021 में अब तक की सबसे बुरी हार दर्ज की, जिसके परिणामस्वरूप सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) से एक नया चांसलर बना.
विश्लेषण: मर्केल के लंबे कार्यकाल के अंत और महामारी से संबंधित चुनौतियों के कारण महत्वपूर्ण चुनावी बदलाव हुए.
थाईलैंड
परिणाम: 2023 के आम चुनावों में, मौजूदा प्रधानमंत्री की पार्टी ने कई विपक्षी दलों के सामने वोट शेयर और सीटें खो दीं.
विश्लेषण: महामारी के दौरान राजनीतिक गतिशीलता ने मतदाताओं को विपक्षी दलों की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करने के लिए प्रभावित किया.
यूनाइटेड किंगडम
परिणाम: आम चुनावों से पहले जनमत सर्वेक्षणों में मौजूदा सरकार बुरी तरह पिछड़ रही है, तीन अलग-अलग नेताओं के साथ दो बार प्रधानमंत्री बदल चुके हैं।
विश्लेषण: महामारी के प्रभाव और नेतृत्व परिवर्तन ने राजनीतिक अस्थिरता पैदा की है, जिससे जनता का विश्वास प्रभावित हुआ है।
फ्रांस
परिणाम: मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 2022 में फिर से निर्वाचित हुए।
विश्लेषण: मैक्रों की जीत ने मतदाताओं के ध्रुवीकरण को उजागर किया, जिसमें किसी भी उम्मीदवार को शुरू में बहुमत नहीं मिला।
दक्षिण अफ्रीका
परिणाम: मौजूदा अफ़्रीकी नेशनल कांग्रेस (ANC) ने 30 वर्षों में पहली बार 2024 में अपना बहुमत खो दिया।
विश्लेषण: महामारी से प्रेरित आर्थिक और सामाजिक मुद्दों के बीच लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक प्रभुत्व को चुनौती दी गई।
इटली
परिणाम: 2022 में मौजूदा सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया गया, तथा विपक्षी गठबंधन को बहुमत प्राप्त हुआ।
विश्लेषण: महामारी से संबंधित शासन संबंधी मुद्दों ने मतदाताओं की बदलाव की इच्छा को बढ़ावा दिया।
कोलंबिया
परिणाम: 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा पार्टी हार गई, जिसमें वामपंथी विपक्षी उम्मीदवार ने पहली बार रन-ऑफ के बाद जीत हासिल की।
विश्लेषण: महामारी के दौरान सामाजिक अशांति और आर्थिक कठिनाइयों ने मतदाता भावना में बदलाव को प्रभावित किया।
दक्षिण कोरिया
परिणाम: 2022 में मौजूदा पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विपक्षी उम्मीदवार से हार गए।
विश्लेषण: महामारी प्रबंधन और आर्थिक चिंताएँ चुनावी नतीजों को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दे थे।
स्पेन
परिणाम: 2023 के आम चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला, और मौजूदा पार्टी सीटों और वोट शेयर दोनों में विपक्ष के बाद दूसरे स्थान पर रही।
विश्लेषण: खंडित राजनीतिक परिदृश्य और महामारी के बाद की स्थिति ने अनिर्णायक परिणामों में योगदान दिया।
कोरोना महामारी के दौरान प्रमुख लोकतंत्रों में चुनावी नतीजे अलग-अलग रहे हैं, कई मौजूदा सरकारों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। भारत एक ऐसा उल्लेखनीय अपवाद है, जहां मौजूदा सरकार ने स्पष्ट जनादेश हासिल किया है, जो वैश्विक राजनीतिक बदलावों के बीच मतदाताओं के भरोसे और विश्वास को प्रभावित करने वाले अनूठे कारकों को उजागर करता है।
— भारत एक्सप्रेस
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