Cell phone blindness
Cell Phone Blindness: आजकल हर कोई अपना ज्यादातर समय स्मार्टफोन या लैपटॉप पर बिताता है. अधिकतर काम भी ऑनलाइन होने लगे हैं. इसकी वजह से लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है. ऑफिस जाने वाले लोग तो 9 घंटे लगातार स्क्रीन पर आंखें गड़ाए बैठे ही रहते हैं.
ऑफिस के काम से लेकर सोशल नेटवर्किंग और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्में देखने की लत ने लोगों को मोबाइल फोन और लैपटॉप का आदि बना दिया है. हालांकि लंबे समय तक कंप्यूटर और स्मार्टफोन से चिपके रहने से हमारी आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है, जिसे Digital Eye Problem या Cell Phone Blindness टर्म दिया गया है.
इसके चलते हमें डिजिटल आई प्रॉबलम या सेल फोन ब्लाइंडनेस (Cell Phone Blindness) की समस्या हो सकती है. इसके चलते आंखों में सूखापन, लालिमा, खुजली और आंसू आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं. यह एक ऐसी घटना है, जिसमें अंधेरे कमरे में अपने फोन को देखने के बाद एक या दोनों आंखों में अस्थायी दृष्टि हानि (Vision Loss) होती है. यह आमतौर पर तब होता है, जब एक आंख को तकिये या किसी अन्य वस्तु से ढक दिया जाता है. रिसर्च के मुताबिक, भारत में लोग औसतन 1800 घंटे अपने मोबाइल फोन पर खर्च करते हैं.
जानें इसके लक्षण
Blur Vision: बहुत देर तक स्क्रीन देखने से आपको अक्सर ऐसा महसूस हो सकता है कि कोई चीज आपकी दृष्टि को रोक रही है. आपकी दृष्टि धुंधली हो जाना जैसे कोई कण आंख में फंस गया हो.
Eye Strain: यह एक आम बीमारी है. ये तब होती है, जब आपकी आंखें लंबे समय तक ड्राइविंग या कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की स्क्रीन पर देर तक देखने से थक जाती हैं. इससे आपकी आंखों से पानी आना शुरू हो सकता है.
Dry Eye: अगर आप डिजिटल स्क्रीन देख रहे हैं, तो आपकी पलकें कम बार झपकती हैं, जिसके चलते आंखें उन नैचुरल फ्लूड से वंचित हो जाती हैं, जिनकी उन्हें जरूरत होती है. इससे आपकी आंखें Dry (शुष्क) और चिड़चिड़ी हो सकती हैं. इसलिए समय-समय पर आपको अपनी नजरें स्क्रीन से हटा लेनी चाहिए और अपनी आंखों को थोड़ा आराम देना चाहिए.
आंखों को बचाने के लिए क्या करें
अंधेरे में फोन का इस्तेमाल करने से बचें: स्क्रीन और आसपास के अंधेरे के बीच तेज कंट्रास्ट को रोकने के लिए स्मार्टफोन का उपयोग अच्छी रोशनी वाले वातावरण में करें.
नाइट मोड या ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग करें: नीली रोशनी की मात्रा को कम करने के लिए अपने स्मार्टफोन पर नाइट मोड या ब्लू लाइट फिल्टर एक्टिव करें.
बार-बार ब्रेक लें: 20-20-20 नियम का पालन करें, हर 20 मिनट में आंखों पर पड़ने वाले तनाव को कम करने के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को कम से कम 20 सेकंड तक देखें.
Brightness: स्क्रीन की ब्राइटनेस को सही रखें, ताकि इससे आपकी आंखों में जलन न हो. एंटी-ग्लेयर स्क्रीन फिट करें’. यह आपकी आंखों पर इतना ज्यादा दबाव नहीं डालेगी. आप ब्लू लाइट फिल्टर का भी उपयोग कर सकते हैं.
एर्गोनॉमिक सेटिंग: अपने कंप्यूटर या मोबाइल को एक हाथ की दूरी पर रखें. इसे आंखों के साथ-साथ अपनी गर्दन और सिर से भी दूर रखना चाहिए.
दोनों आंखों का इस्तेमाल करें: सुनिश्चित करें कि दोनों आंखें स्क्रीन की रोशनी के बराबर संपर्क में हों. फोन का इस्तेमाल करते समय करवट लेकर लेटने से बचें, क्योंकि ऐसा करने से एक आंख ढक सकती है.
स्क्रीन के सामने बिताए गए समय को सीमित करें: स्क्रीन के सामने बिताए गए समय को कम करें, विशेष रूप से सोने से पहले, ताकि आपकी आंखों को आराम मिले और आपकी नींद के पैटर्न में रुकावट न आए.
-भारत एक्सप्रेस
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