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जीएसटी परिषद की बैठक में प्लेटफॉर्म टिकट, बैटरी से चलने वाली कार GST से मुक्त, जानें और क्या हुआ सस्ता

बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ढांचे के तहत लाने के केंद्र सरकार के इरादे को दोहराया.

निर्मला सीतारमण ( फाइल फोटो)

निर्मला सीतारमण ( फाइल फोटो)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की अगली बैठक में भारतीय रेलवे द्वारा आम जनता को दी जाने वाली विशिष्ट सेवाओं के साथ-साथ अंतर-रेलवे लेनदेन के लिए छूट का प्रस्ताव रखा है. प्लेटफ़ॉर्म टिकटों की बिक्री और रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम, क्लॉकरूम सुविधाएं और बैटरी से चलने वाली कार सेवाओं जैसी सेवाओं को अब जीएसटी से छूट दी गई है. इस सत्र का उद्देश्य आज की बैठक से लंबित एजेंडा आइटम को संबोधित करना है. आज की जीएसटी परिषद की बैठक में अनुपालन बोझ को कम करने और करदाताओं को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में हुई. बैठक में वित्त मंत्री के साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, गोवा और मेघालय के मुख्यमंत्री, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश और ओडिशा के उपमुख्यमंत्री शामिल हुए. विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (विधानसभाओं सहित) के प्रतिनिधि तथा केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें मौजूद रहे.

एफएम सीतारमण ने कहा, “आज की जीएसटी परिषद की बैठक में व्यापार सुविधा, अनुपालन बोझ को कम करने और अनुपालन को आसान बनाने के मामले में करदाताओं को राहत देने पर कई निर्णय लिए गए हैं.इनमें से, व्यापार को सुविधाजनक बनाने और व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए महत्वपूर्ण उपाय किए गए.”

मिलेंगी इन कामों में राहत

जीएसटी परिषद ने वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिस पर ब्याज दंड माफ करने की सिफारिश की. यह धारा धोखाधड़ी, दमन या गलत बयानी से जुड़े मामलों से संबंधित नहीं है. 31 मार्च, 2025 तक नोटिस में मांगी गई पूरी कर राशि का भुगतान करने वाले करदाताओं को इस छूट का लाभ मिलेगा. परिषद ने किसी भी चालान या डेबिट नोट पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने के लिए विस्तार को मंजूरी दी.

30 नवंबर, 2021 तक दाखिल किए गए रिटर्न के लिए, वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए आईटीसी दावों की समय सीमा अब 30 नवंबर, 2021 मानी जाती है. सरकारी मुकदमेबाजी पर अंकुश लगाने के लिए, परिषद ने विभागों द्वारा अपील दायर करने के लिए मौद्रिक सीमा निर्धारित करने की सिफारिश की. इनमें जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालयों के लिए 1 करोड़ रुपये और सर्वोच्च न्यायालय के लिए 2 करोड़ रुपये. छोटे करदाताओं की सहायता के लिए, परिषद ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और उसके बाद के वर्षों के लिए रिटर्न प्रस्तुत करने की समय सीमा 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून कर दी. परिषद ने स्पष्ट किया कि आग और पानी के छिड़काव सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर 12 प्रतिशत की एक समान जीएसटी दर पर मिलेंगे.

आवास सेवाओं को भी छूट

इसके अलावा, कम से कम 90 दिनों की निरंतर अवधि के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह 20,000 रुपये तक की आवास सेवाओं को भी छूट दी जाएगी. इस छूट से विभिन्न सामाजिक और सामुदायिक संगठनों द्वारा संचालित छात्रावासों और इसी तरह के आवासों को लाभ मिलेगा. परिषद ने पूरे भारत में जीएसटी पंजीकरण आवेदकों के लिए बायोमेट्रिक-आधारित आधार प्रमाणीकरण के चरणबद्ध रोलआउट की सिफारिश की. बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को दर युक्तिकरण पर मंत्रिसमूह (GoM) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

इन पर जीएसटी की सिफारिश

GoM अगली बैठक में एक स्थिति रिपोर्ट पेश करेगा, उसके बाद दर युक्तिकरण पर काम किया जाएगा. परिषद ने विवादों को खत्म करने के लिए सभी दूध के डिब्बों पर 12 प्रतिशत की एक समान जीएसटी दर की सिफारिश की, चाहे उनकी सामग्री (स्टील, लोहा, एल्युमीनियम) कुछ भी हो. सभी प्रकार के कार्टन बॉक्स और नालीदार और गैर-नालीदार कागज या पेपरबोर्ड दोनों से बने मामलों के लिए 12 प्रतिशत जीएसटी दर की भी सिफारिश की गई सोलर कुकर के लिए 12 प्रतिशत की एक समान जीएसटी दर की सिफारिश की गई, चाहे वह एकल या दोहरी ऊर्जा स्रोत हो, जो अक्षय ऊर्जा पहलों के लिए परिषद के समर्थन को दर्शाता है.

सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ढांचे के तहत लाने के केंद्र सरकार के इरादे को दोहराया. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस समावेशन के लिए आधार जीएसटी के प्रारंभिक कार्यान्वयन के दौरान रखा गया था और इस बात पर जोर दिया कि अब निर्णय राज्य सरकारों के पास है.



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