सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया
Heat Death: इन दिनों देश का तमाम हिस्सा भीषण गर्मी की मार झेल रहा है. सूर्य की तपिश दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. लोगों का घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है. देर रात तक भी गर्मी की तपिश महसूस की जा रही है. इसी के साथ ही घाटों व कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार करने वालों की भीड़ भी लगी हुई है. रोजाना गर्मी के कारण होने वाली मौतें के आंकड़ें बढ़ रहे हैं, जो कि लोगों को चिंता में डाल रहे हैं.
दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार के अस्पताल हीट स्ट्रोक के मरीजों से भरे पड़े हैं. भीषण गर्मी और हीट वेव से अब तक देश के तमाम हिस्सों में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. अगर सिर्फ यूपी की बात करें तो मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक प्रदेश के तमाम हिस्सों में हीटवेव से 371 लोगों की मौत. इसी तरह देश के अन्य हिस्सों से भी हीटवेव के कारण मौत की खबर लगातार सामने आ रही है. अब बस लोग मानसून का इंतजार कर रहे हैं.
सबसे पहले दिमाग और दिल पर पड़ता है प्रभाव
गर्मी से मौते कैसे और क्यों हो जाती है, इसको लेकर वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में आपातकालीन चिकित्सा के प्रोफेसर और अध्यक्ष डॉ. कोरी स्लोविस ने सीएनएन से बातचीत करते हुए बताया कि हीट वेव और भीषण गर्मी की वजह से जब आपके शरीर का तापमान बढ़ने लगता है तो इसका असर सबसे पहले आपके दिमाग, दिल और किडनी पर पड़ता है. वह कहते हैं कि इसका असर इतना अधिक खतरनाक होता है कि आपके शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं और धीरे-धीरे पीड़ित इंसान मौत की ओर जाने लगता है.
तापमान बढ़ने पर कोशिकाएं होती हैं प्रभावित
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर में इंटरनल मेडिसिन के प्रोफेसर क्रेग क्रैन्डल का बयान भी इस सम्बंध में सामने आया है. उनका कहना है कि जब शरीर के अंदर तापमान बढ़ता है, तो यह आपकी कोशिकाओं को इतनी बुरी तरह से प्रभावित करता है कि वो काम करना बंद कर देते हैं. ऐसे में शरीर के खास अंग धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगते हैं और आखिर में वो पूरी तरह से काम करना बंद कर देते हैं. इसी के बाद पीड़ित की मौत हो जाती है.
-भारत एक्सप्रेस