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Iran: मैं मर जाऊं तो मेरी कब्र पर कोई कुरान न पढ़े- फांसी दिए जाने से पहले ईरानी युवक की आखिरी इच्छा

Iran: ईस्लाम में रिवाज है कि जब किसी की मौत होती है तो उसकी कब्र पर आखिरी नमाज पढ़ी जाती है. लेकिन ईरान के विरोध प्रर्दशन में हिस्सा लेने वाले शख्स ने अपनी आखिरी इच्छा में नमाज नहीं पढ़ने की इच्छा जाहिर की थी.

Iran Young man

फांसी पर जाने से पहले माजीद्रेजा रहनावर्ड की आखिरी इच्छा (फोटो ट्विटर)

Iran News: ईरान में पिछले कुछ समय से हिजाब विवाद को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं. लोग इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. लोग सड़क पर उतर कर बड़ा विरोध कर रहे हैं. इसमें अभी तक कई लोगों की जान भी जान चुकी है. वहीं इस विरोध प्रदर्शन में शामिल एक शख्स को फांसी की सजा दी गई. जिससे पहले उस शख्स से आखिर इच्छी पूछी गई तो उसने कहा कि जब वो मर जाए तो कोई भी उसकी कब्र पर नमाज न पढ़े.

दरअसल, ईस्लाम में रिवाज है कि जब किसी की मौत होती है तो उसकी कब्र पर आखिरी नमाज पढ़ी जाती है. लेकिन ईरान के विरोध प्रर्दशन में हिस्सा लेने वाले शख्स ने अपनी आखिरी इच्छा में नमाज नहीं पढ़ने की इच्छा जाहिर की थी.

माजीद्रेजा रहनावर्ड को दे गई फांसी

ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन में इस 23 साल के युवक माजीद्रेजा रहनावर्ड ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. माजीद्रेजा को सोमवार को फांसी दे दी गई. उनसे जब उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई थी तो उन्होंने कहा था कि जब मैं मर जाऊं तो मेरी कब्र पर न कोई कुरान पढ़े, न कोई कोई किसी तरह की प्रार्थना करे, बस म्यूजिक पर सेलिब्रेट करे. जिसके बाद माजीद्रेजा रहनावर्ड को मशाद शहर में फांसी दी गई, उससे आखिरी इच्छा का सवाल सैनिकों ने पूछा था.

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माजीद्रेजा का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वो आखिरी वीडियो में सैनिकों को अपनी आखिरी इच्छा बताते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो को बेल्जियम की महिला सांसद और महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली दारया साफई ने भी ट्विटर पर शेयर किया है. इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि युवक की आंख पर काली पट्टी बंधी हुई है. लेकिन वो सैनिकों को बिना डरे जवाब दे रहा है.

बता दें कि विरोध प्रदर्शन के दौरान उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने चाकू से दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या की थी. इसके अलावा चार सुरक्षाकर्मियों को घायल कर दिया था. जिसके बाद उनको फांसी की सजा सुनाई गई. इस खबर की पुष्टी ईरानी मानवाधिकार संगठन के संचालक मोहम्मद अमीरी मोगाधम ने भी की है.

– भारत एक्सप्रेस




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