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General Upendra Dwivedi: अब ये हैं भारत के थलसेना प्रमुख, इन्‍हें चीन-पाक बॉर्डर की गहरी समझ, देखिए प्रोफाइल

General Upendra Dwivedi: जनरल उपेंद्र द्विवेदी भारत के 30वें थलसेनाध्यक्ष बने हैं. उनके पास देश-विदेश में महत्वपूर्ण तैनातियों के साथ-साथ सीमाओं की गहन जानकारी और अनुभव है. वह टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर भी अग्रणी रहे हैं.

General Upendra Dwivedi

फोटो— भारत के 30वें थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी.

General Upendra Dwivedi takes over as Army Chief: जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आज देश के नए सेना प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया. वह भारतीय सेना के 30वें सेना प्रमुख बने हैं. उनके पास देश-विदेश में महत्वपूर्ण तैनातियों के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान से लगी भारतीय सीमाओं की गहन जानकारी और अनुभव है. जनरल द्विवेदी, टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर भी अग्रणी रहे हैं. उन्होंने सेना की नॉर्दर्न कमांड में तकनीक को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

नए सेनाध्यक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम जैसी आधुनिकतम तकनीक के इस्तेमाल की दिशा में भी काम करते रहे हैं. इसके अलावा उन्हें यूएसएडब्ल्यूसी, कार्लिस्ले, अमेरिका में प्रतिष्ठित एनडीसी समकक्ष कोर्स में ‘विशिष्ट फेलो’ से सम्मानित किया जा चुका है. जनरल द्विवेदी ने रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम फिल और सामरिक अध्ययन एवं सैन्य विज्ञान में दो स्नातकोत्तर डिग्रियां प्राप्त की हैं.

General Upendra Dwivedi indian Army

इन पदकों से सम्‍मानित हो चुके जनरल

जनरल उपेंद्र द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्र से भी सम्मानित किया गया है. सेनाध्यक्ष के रूप में जनरल द्विवेदी की नियुक्ति को सरकार ने 11 जून को मंजूरी दी थी. उन्होंने आज यहां जनरल मनोज पांडे से कार्यभार लिया है, जो आज सेवानिवृत्त हो गये.

विभिन्‍न पदों पर जिम्‍मेदारियां संभाली

लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान, वह विभिन्न कमानों, स्टाफ, प्रशिक्षण संबंधी और विदेशी नियुक्तियों में कार्यरत रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की कमांड नियुक्तियों में रेजिमेंट (18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स), ब्रिगेड (26 सेक्टर असम राइफल्स), महानिरीक्षक, असम राइफल्स (पूर्व) और 9 कोर की कमान शामिल हैं.

सन् 1964 में 01 जुलाई को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री (जम्मू-कश्मीर राइफल्स) में कमीशन मिला था.

Upendra Dwivedi indian Army

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने सेना उपप्रमुख के रूप में नियुक्ति से पूर्व 2022-24 तक महानिदेशक इन्फैंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (मुख्यालय उत्तरी कमान) सहित महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.

इन संस्‍थानों में की थी पढ़ाई

सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू में भी अध्ययन किया है.

आज रिटायर्ड हो रहे जनरल मनोज पांडे को 30 अप्रैल 2022 को सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उन्हें दिसंबर 1982 में इंजीनियरों की कोर (बॉम्बे सैपर्स) में कमीशन दिया गया था. सीओएएस के रूप में कार्यभार संभालने से पहले वह थल सेना के उप-प्रमुख के रूप में नियुक्त हुए थे.

Army chief manoj pande

जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल 31 मई 2024 को समाप्त हो रहा था. हालांकि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 26 मई 2024 को उन्हें एक और महीने का सेवा विस्तार देने की मंजूरी दी थी. नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति में सरकार सरकार द्वारा सीनियरिटी के सिद्धांतों का पूरी तरह से पालन किया गया है.

62 की उम्र तक पद पर रहेंगे

गौरतलब है कि तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्ष 62 साल की उम्र तक या तीन साल के कार्यकाल तक (इनमें से जो भी पहले हो) पद पर बने रह सकते हैं. वहीं लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 60 वर्ष निर्धारित है.

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर अग्रणी रहे हैं. उन्होंने सेना की नॉर्दर्न कमांड में तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसके साथ ही नए सेनाध्यक्ष आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम जैसी आधुनिकतम तकनीक के इस्तेमाल की दिशा में भी काम करते रहे हैं. वह सोमालिया में रहे और सेशेल्स सरकार के सैन्य सलाहकार के रूप में काम किया.

इसके साथ ही भारतीय सेना में पहली बार एक साथ पढ़ चुके दो अधिकारी सेना की दो अलग-अलग शाखाओं का नेतृत्व कर रहे हैं. दरअसल, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी क्लासमेट रह चुके हैं. दोनों 1970 के दशक की शुरुआत में 5वीं कक्षा में एक साथ पढ़े थे. तब जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी का रोल नंबर 938 था.

– भारत एक्‍सप्रेस



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