हिंडनबर्ग को लेकर चौंकाने वाला खुलासा.
अदाणी समूह के ख़िलाफ़ जनवरी, 2023 में भ्रामक रिपोर्ट फैलाने वाले अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग की साजिश की परतें उधड़ती जा रही है. बाज़ार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड, यानी SEBI द्वारा अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग को भेजे गए कारण बताओ नोटिस से पता चलता है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, विदेशी निवेशक मार्क किंगडन और उनकी संस्थाओं ने अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ के फ्यूचर्स की शॉर्ट सेलिंग के ज़रिये भारी मुनाफा कमाया है. वहीं कथित तौर पर अडानी को शॉर्ट-सेल करने के लिए कोटक महिंद्रा का इस्तेमाल किए जाने का भी खुलासा हुआ है.
कोटक महिन्द्रा ने दी सफाई
इस खुलासे के बाद कोटक बैंक भी अपनी सफाई में उतरा, उसने कहा कि हिंडनबर्ग कभी भी कोटक महिंद्रा इंटरनेशनल का ग्राहक नहीं रहा है और न ही वो कभी के इंडिया अपॉर्चुनिटीज फंड में निवेशक रहा है. फंड को कभी भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि हिंडनबर्ग उसके किसी निवेशक का भागीदार था.’
सेबी की जांच में हुआ खुलासा
SEBI की जांच से पता चला है कि मार्क किंगडन के के-इंडिया अपॉर्च्युनिटीज़ फ़ंड – क्लास एफ ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने से पहले एक ट्रेडिंग अकाउंट खोला और अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ के शेयरों में ट्रेडिंग शुरू कर दी. यानी मकसद साफ था – शॉर्ट सेलिंग से मुनाफ़ा कमाना. कोटक महिंद्रा बैंक ने इसे ऑफशोर फंड की सुविधा प्रदान की.
चीन की मिलीभगत का अंदेशा
अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट में चीन का भी शामिल होना पाया गया है. जिसमें किंग्डन कैपिटल और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी एजेंटों के ‘द चाइना प्रोजेक्ट’ के बीच संबंध सामने आ रहे हैं. ‘द चाइना प्रोजेक्ट’ के मालिक, अनला चेंग और मार्क किंग्डन की पत्नी की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंटों के साथ संबंध की जांच अमेरिकी सीनेट द्वारा जांच की जा रही है.
महेश जेठमलानी ने क्या कहा?
कॉरपोरेट जगत के जाने-माने वकील महेश जेठमलानी ने मामले को लेकर कहा, हिंडनबर्ग रिपोर्ट प्रकाशित होने से पहले किंगडन इंडिया ऑपर्चुनिटी फंड ने मॉरीशस रूट के ज़रिए अडानी के शेयरों में बड़ी शॉर्ट पोजीशन ली थी. राज्यसभा सांसद ने खुलासा किया कि किंगडन परिवार के स्वामित्व वाले किंगडन के मास्टर फंड द्वारा 40 मिलियन डॉलर की राशि प्रदान की गई थी.
किंग्डन कैपिटल के संस्थापक मार्क किंगडन
मार्क किंगडन किंगडन कैपिटल के संस्थापक और मालिक हैं. वे Investor Community में एक प्रमुख व्यक्ति हैं. किंगडन की भूमिका कुछ हफ़्ते से चल रहे इस पूरे प्रकरण की कई परतों को जोड़ रही हैं. जिसमें एक चीनी अमेरिकी महिला अनला चेंग, जो मार्क किंगडन की पत्नी हैं. इसके साथ ही वह निजी इक्विटी फर्म सिनो-सेंचुरी में शेयरिंग पार्टनर हैं. इसके अलावा अनला चेंग न्यूयॉर्क स्थित समाचार संस्थान सुपचाइना की संस्थापक हैं.
यह भी पढ़ें- क्या जीतनराम मांझी की तरह यू-टर्न मारने वाले थे चंपई सोरेन? हेमंत सोरेन का हड़बड़ी में शपथ लेने के पीछे ये है वजह
हाइफा डील बड़ी वजह हो सकता है
ये पूरा मामला हाइफा पोर्ट डील के इर्द-गिर्द घूमता है जिसे अडानी समूह ने जीता था. हाइफा पोर्ट इजरायल में स्थित है. हाइफा पोर्ट की कमान अडानी समूह के पास है. इसके अधिग्रहण के दौरान अडानी पोर्ट्स और इजरायल के गैडोट ने चीनी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया था. अडानी समूह का इस बंदरगाह पर नियंत्रण होना भारत के लिए एक बड़ी जीत थी. हाइफा इजरायल के सबसे बड़े समुद्री बंदरगाहों में से एक है.
-भारत एक्सप्रेस