अरविंद केजरीवाल
Delhi Liquor Policy Scam Update: दिल्ली शराब नीति कथित घोटाला मामले में भ्रष्टाचार के मामले में कथित आरोपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट 17 जुलाई को इस मामले में अगिला सुनवाई करेगा। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। मामले की सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को ईडी मामले में ट्रायल कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया। सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल न तो भोगोड़ा हैं और न ही आतंकी है। कोर्ट ने सिंघवी से पूछा कि आप जमानत के लिए सीधे हाईकोर्ट आ गए। ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए।
वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कोर्ट से क्या कहा
सिंघवी ने कहा कि माई लॉर्ड , ऐसा किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के फैसलों में ऐसा कहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने कहा कि हमारा मुख्य तर्क यही है कि धारा 41 का उल्लंघन हुआ है और गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं है। रिमांड के दौरान कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी कानूनी है। हाईकोर्ट ने कहा कि कितने मामलों में सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट ने कहा कि प्रोप्राइटेरी पर वापस जाएं। कानूनन कोई झगड़ा नहीं है। मैं कानून पर नहीं हूं। लेकिन वे कह रहे हैं कि जब वैकल्पिक उपाय उपलब्ध हो तो हायर ज्यूडीशरी को बाधित न करें। कोई कारण होना चाहिए कि यह बेहतर क्यों है।
बता दें कि केजरीवाल ने दायर जमानत याचिका में कहा है कि अप्रैल 2023 में जब केजरीवाल को सीबीआई बुलाया था, तब केजरीवाल ने पूछताछ के दौरान सीबीआई को पूरा सहयोग किया था। केजरीवाल की गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक है। रिमांड आदेश स्पष्ट रूप से नियमित है, जिससे गिरफ्तारी और कार्यवाही की पूरी प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा परेशान करने का आरोप भी लगाया है।
केजरीवाल ने अपनी याचिका में क्या कहा?
केजरीवाल ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और उनकी गिरफ्तारी का आधार बनने वाली सामग्री पहले ही एकत्र की जा चुकी है। ऐसे में अब सीबीआई कानून की प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती है। सीबीआई को पक्षपात और एकतरफा दृष्टिकोण को छोड़कर निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए। सीबीआई का आचरण दुर्भावना से भरा हुआ है। याचिका में दावा किया गया है कि सीबीआई अरविंद केजरीवाल का उत्पीड़न कर रही है। जिस सबूत के आधार पर सीबीआई ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है। वो सबूत उन्हें 1 साल 10 महीने पहले ही मिल गए थे। जो पहले से ही रिकॉर्ड में है। ऐसे में इतने समय बाद गिरफ्तारी पर सवाल तो बनता ही है। याचिका में दावा किया गया है कि सीबीआई की गिरफ्तारी का समय उन्हें रिहाई से रोकने और टालने की कोशिश है क्योंकि पीएमएलए मामले में उन्हें नियमित जमानत दे दी गई है।
बता दें कि केजरीवाल ने इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट में गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दे रखी है जिसपर कोर्ट 17 जुलाई को सुनवाई करने वाला है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति मामले में अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई रिमांड को चुनौती दी है। निचली अदालत ने केजरीवाल की सीबीआई रिमांड खत्म होने के बाद 12 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। निचली अदालत ने उन्हें हिरासत में देते हुए कहा था कि केजरीवाल का नाम मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक के रूप में सामने आया है और जांच अभी भी जारी है।
शराब पॉलिसी में बदलाव करना क्यों जरूरी था?
सीबीआई ने कहा था कि केजरीवाल जानबूझकर शराब घोटाले से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दे रहे है। साथ ही केजरीवाल ने नई शराब नीति में प्रॉफिट मार्जिन 5 परसेंट से 12 परसेंट किये जाने की वजह पर भी जवाब नहीं दिया है। सीबीआई की ओर से यह भी कहा गया था कि देश मे जिस वक्त कोरोना की दूसरी वेव चल रही थी, उस वक़्त कैबिनेट में शराब पॉलिसी में बदलाव करना क्यों जरूरी था? बता दें कि सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था। केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि दिल्ली में सत्ता में रहते हुए पार्टी के नेताओं ने जानबूझकर नई शराब नीति बनाई और इसमें चुनिंदा लोगों को लाभ पहुचाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया। इसके बदले आम आदमी पार्टी के नेताओं को पैसे मिले, जिनका उपयोग चुनाव में किया गया। ईडी इस मामले में पैसे के हेरफेर को लेकर जांच कर रही है। वही सीबीआई रिश्वत के लेन देन और नेताओं के भ्र्रष्ट आचरण की जांच कर रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं और भ्र्ष्टाचार को लेकर सीबीआई से इसकी जांच कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद इसे 2022 में रदद् कर दिया गया था। बतादें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को ईडी ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था और उन्हें 10 मई को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी।
-भारत एक्सप्रेस
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