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Assam Floods: असम में कहर बनकर टूटी बारिश, अब तक 78 लोगों की मौत, बाढ़ पीड़ितों से राहुल गांधी ने की मुलाकात

इस साल बाढ़ ने असम के 28 जिलों में लगभग 22.70 लाख लोगों को प्रभावित किया है. ब्रह्मपुत्र और बराक सहित राज्य की नौ प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

Morigaon: Villagers and their livestock wade through flood water after heavy rainfall at Mayong in Morigaon district of Assam on Monday, July 1, 2024. (Photo: IANS)

असम के मोरीगांव जिले के मायोंग में भारी बारिश के बाद बाढ़ के पानी से गुजरते ग्रामीण और उनके मवेशी. (फोटो: आईएएनएस)

देश के तमाम हिस्सों में लगातार भारी बारिश हो रही है. इसकी वजह से कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. असम भी भीषण बाढ़ की चपेट में है और यहां के 29 जिलों में लगातार भारी बारिश होने से करीब 24 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. ब्रह्मपुत्र समेत राज्य भर में कई प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां पर अभी तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है. तो वहीं इस स्थिति के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार को असम के बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात करने के लिए पहुंचेंगे. इसके अलावा वह आज मणिपुर में राहत शिविरों में रहे जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों से भी मुलाकात करने के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं से भी मिलेंगे.

24 घंटे में हुई 8 लोगों की मौत

बता दें कि असम में लगातार बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. यहां पिछले 24 घंटे में 8 लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं भूस्खलन, बाढ़ और तूफान की वजह से अब तक कुल 78 लोग की मौत हो चुकी है. राहत कार्य जारी है. प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है.

बुलेटिन में दी गई ये जानकारी

ब्रह्मपुत्र नदी नेमाटीघाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. खोवांग में बुरहीडीहिंग नदी, शिवसागर में दिखौ, नंगलामुराघाट में दिसांग, नुमालीगढ़ में धनसिरी, धरमतुल में कोपिली, बारपेटा में बेकी, गोलकगंज में संकोश, बीपी घाट में बराक और करीमगंज में कुशियारा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.


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असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन में जानकारी देते हुए बताया गया है कि धुबरी और नलबाड़ी में दो-दो, कछार, गोलपाड़ा, धेमाजी तथा शिवसागर में एक-एक व्यक्ति की मौत की सूचना सामने आई है.

बाढ़ से 22.70 लाख लोग प्रभावित

इस साल बाढ़ ने असम के 28 जिलों में लगभग 22.70 लाख लोगों को प्रभावित किया है. ब्रह्मपुत्र और बराक सहित राज्य की नौ प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

बाढ़ और भूस्खलन से सबसे अधिक धुबरी में 7,54,791 लोग प्रभावित हुए हैं. इसके बाद कछार में 1,77,928 लोग प्रभावित हुए हैं और बारपेटा में 1,34,328 लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य में 269 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिसमें 53,689 लोगों ने शरण ले रखी है.

31 जंगली जानवरों की मौत

राज्य के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के कारण अब तक कम से कम 131 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है, जबकि 96 अन्य को बचा लिया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि मृत जानवरों में छह गैंडे, 117 हॉग डियर शामिल हैं, जिनमें 98 की डूबने से, दो की वाहन की टक्कर से और 17 की इलाज के दौरान मौत हो गई. दो सांभर, एक रीसस मैकाक और एक ऊदबिलाव की मौत पार्क में डूबने से हुई है.

राहुल ने असम बाढ़ पीड़ितों से की मुलाकात

Gandhi

राहुल गांधी सोमवार को मणिपुर दौरे पर हैं. उससे पहले वो असम के सिलचर हवाई अड्डे पर उतरे जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

इसके बाद राहुल गांधी सड़क मार्ग से मणिपुर के जिरीबाम जाएंगे, लेकिन उससे पहले उन्होंने फुलेरताल में एक राहत शिविर का दौरा किया जहां असम में बाढ़ से प्रभावित लोग रह रहे हैं. असम में करीब 23 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

पिछले साल मई में जातीय हिंसा भड़कने के बाद पूर्वोत्तर राज्य का यह उनका तीसरा दौरा होगा और बतौर विपक्ष का नेता पहला होगा.

बता दें कि जिरीबाम में 6 जून को 59 साल के एक किसान सोइबाम सरतकुमार सिंह की हत्या के बाद फिर से हिंसा भड़क उठी है.

मणिपुर में राहत शिविरों का दौरा

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जिरीबाम जिले में कुछ राहत शिविरों का दौरा करेंगे और फिर सिलचर हवाई अड्डे जाएंगे और वहां से इंफाल के लिए उड़ान भरेंगे. इंफाल से वो आदिवासी बहुल जिले चूड़ाचांदपुर का दौरा करेंगे, जहां वे राहत शिविरों में रह रहे लोगों से बातचीत करेंगे.

चुराचांदपुर से विपक्ष के नेता सड़क मार्ग से बिष्णुपुर जिले के मोइरांग जाएंगे और कुछ राहत शिविरों का दौरा करेंगे। वो इंफाल में राज्यपाल अनुसुइया उइके के साथ एक बैठक भी करेंगे और फिर लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे।

राहुल गांधी ने अपनी न्याय यात्रा की शुरुआत मणिपुर से ही 14 जनवरी को की थी. राहुल गांधी मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया था.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मणिपुर की दो लोकसभा सीटों पर जीत का पताका फहराया है. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार लगातार मणिपुर की अनदेखी कर रही है.

-भारत एक्सप्रेस



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