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Pakistan ने अपनी खुफिया एजेंसी ISI को देश में सभी फोन कॉल और मैसेज की निगरानी करने की अनुमति दी

पाकिस्तान के आईटी और दूरसंचार मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए इस बात पर जोर दिया कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है और इसका उद्देश्य अपराधों को रोकना है.

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का लोगो. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikipedia)

पाकिस्तान सरकार ने अपनी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को देश में किसी भी फोन कॉल या संदेश को इंटरसेप्ट करने और उसका पता लगाने का अधिकार दे दिया है.

पाकिस्तान दूरसंचार अधिनियम 1996 की धारा 54 के तहत आधिकारिक तौर पर स्वीकृत यह अभूतपूर्व शक्ति देश की शीर्ष खुफिया एजेंसी की निगरानी क्षमताओं के विस्तार का प्रतीक है.

राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में उठाया कदम

पाकिस्तान संघीय कैबिनेट का यह निर्णय 8 जुलाई 2024 लिया गया है. इसके तहत ग्रेड 18 या उससे उच्च स्तर के आईएसआई अधिकारियों को कॉल और संदेशों को रोकने के साथ-साथ किसी भी दूरसंचार प्रणाली के माध्यम से संचार का पता लगाने का अधिकार देता है.

आईटी और दूरसंचार मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए इस बात पर जोर दिया कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है और इसका उद्देश्य अपराधों को रोकना है.

अधिसूचना में क्या कहा गया है

अधिसूचना में कहा गया है, ‘धारा 54 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए संघीय सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और किसी भी अपराध की आशंका में, धारा 54 के तहत परिकल्पित किसी भी दूरसंचार प्रणाली के माध्यम से कॉल और संदेशों को रोकने या कॉल का पता लगाने के लिए समय-समय पर इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा नामित ग्रेड 18 से तक के रैंक के अधिकारियों को अधिकृत करती है.’


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अधिसूचना में आगे कहा गया है, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में तथा किसी भी अपराध की आशंका में संघीय सरकार आईएसआई द्वारा समय-समय पर नामित किए जाने वाले अधिकारियों को कॉल और संदेशों को रोकने या किसी भी संचार प्रणाली के माध्यम से कॉल का पता लगाने के लिए अधिकृत करती है.’

सोशल मीडिया पर नियंत्रण

सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर नियंत्रण कड़ा करने के सरकार के व्यापक प्रयासों का हिस्सा प्रतीत होता है, जिसका विपक्षी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पारंपरिक मीडिया स्थान के सिकुड़ने के बीच अपने समर्थकों के साथ संवाद करने के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग किया है.

इससे पहले मई में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण अधिनियम (पीईसीए) 2016 में संशोधन के मसौदे को मंजूरी दी थी, जिसमें डिजिटल अधिकार संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना का सुझाव दिया गया था.

X पर फरवरी से बैन

मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि सरकार सोशल मीडिया कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) पर राष्ट्रीय फायरवॉल भी स्थापित कर रही है, जिसमें अवांछित कंटेट को रोकने में सक्षम फिल्टर होंगे.

पाकिस्तान में एलन मस्क के स्वामित्व वाले सोशल प्लेटफॉर्म एक्स (X) को फरवरी से ही ब्लॉक कर दिया गया है, और सरकार ने हाल ही में प्रतिबंध को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सिंध हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इस कार्रवाई का बचाव किया है.

-भारत एक्सप्रेस



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